मुम्बई । महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार ने ‘ऋषि-सोयारे’ या कुनबी जाति प्रमाण पत्र रखने वाले मराठाओं के परिजनों को आरक्षण देने के मुद्दे पर चर्चा के लिए अगले सप्ताह सर्वदलीय बैठक बुलाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की तरफ से ये बैठक बुलाई गई हैं। बता दें कि ओबीसी नेताओं के साथ बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए एनसीपी नेता ने इस दौरान ये भी कहा कि सरकार राज्य में जाति जनगणना की मांग को लेकर सकारात्मक है।
मंत्री छगन भुजबल ने कहा कि राज्य में सर्वदलीय बैठक 29 जून को राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के दौरान होगी। बता दें कि महाराष्ट्र विधानमंडल का मानसून सत्र 27 जून से शुरू होगा। मंत्री ने आगे कहा कि सरकार का मानना है कि ओबीसी और मराठा दोनों के साथ कोई अन्याय नहीं होना चाहिए। मराठाओं को आरक्षण देने के लिए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी में शामिल करने का विरोध किया जा रहा है।
वहीं मंत्री छगन भुजबल ने बताया कि वो और कैबिनेट मंत्रियों का एक समूह शनिवार को जालना का दौरा करेगा। और जिले में भूख हड़ताल पर बैठे ओबीसी कार्यकर्ताओं को मनाने की कोशिश करेगा। बता दें कि जालना में भूख हड़ताल पर बैठे ओबीसी कार्यकर्ताओं की मांग हैं कि ओबीसी कोटा कम न किया जाए। उन्होंने कहा कि मराठों की तरफ से मिले कुनबी प्रमाण-पत्रों को उनके आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा और फर्जी दस्तावेज पेश करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
छगन भुजबल ने आगे कहा कि मराठों के लिए मौजूदा समिति की तर्ज पर ओबीसी के मुद्दों से निपटने के लिए कैबिनेट की एक उप-समिति बनाई जाएगी। वहीं जाति जनगणना की मांग पर उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस इस तरह का सर्वेक्षण कराने के पक्ष में हैं। जनवरी में, राज्य सरकार ने मराठों के ‘ऋषि-सोयारे’ (जन्म या विवाह से रिश्तेदार) को कुनबी का दर्जा देने के लिए एक मसौदा अधिसूचना जारी की। जिन्होंने पहले ही ये प्रमाणित कर लिया है कि वे कृषि कुनबी समुदाय, एक ओबीसी समूह से संबंधित हैं। बता दें कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को ओबीसी श्रेणी में आरक्षण मिले। दूसरी ओर, ओबीसी नेताओं ने मांग की है कि सरकार मसौदा अधिसूचना को रद्द करे। एजेन्सी
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