नई दिल्ली । कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में कांग्रेस के नेतृत्व वाली पिछली यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि साल 2006 में में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट आई थी, जिसमें कहा गया था कि किसानों की लागत में 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर मिनिमम सपोर्ट प्राइज तय किया जाए, लेकिन उस समय की यूपीए सरकार ने इसे देने से इनकार कर दिया था।
बता दें कि लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने 2020-21 के किसान विरोध प्रदर्शन से संबंधित एक पूरक प्रश्न पूछा और कहा कि आंदोलन के दौरान लगभग 750 किसानों की जान चली गई। उन्होंने पूछा कि क्या सरकार केंद्र के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर साल भर चले विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों को नौकरी देने पर विचार कर रही है।
इस सवाल के जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह प्रश्न मुख्य प्रश्न से संबंधित नहीं था, जो किसानों के सामने आने वाले मुद्दों पर था। उन्होंने कहा, सरकार किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कृषि मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय बढ़ाने के लिए हमने 6 सूत्रीय रणनीति बनाई है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने से इनकार कर दिया था, जिसमें किसानों को उनकी लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देने का सुझाव दिया गया था। उन्होंने कहा, कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट 2006 में आई थी और उसमें कहा गया था कि फसलों के लिए एमएसपी की गणना में लागत पर 50 प्रतिशत लाभ जोड़ा जाना चाहिए। उनकी सरकार ने इससे इनकार कर दिया था। मेरे पास दस्तावेज हैं। उनके मंत्री कांतिलाल भूरिया ने कहा था कि 50 प्रतिशत लाभ नहीं दिया जा सकता। उस समय शरद पवार कृषि मंत्री थे, उन्होंने भी कहा था कि यह नहीं दिया जा सकता।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली वर्तमान सरकार ने कई फसलों के लिए एमएसपी में बढ़ोत्तरी की है। उन्होंने दावा किया, मोदी सरकार ने एमएसपी में 50 प्रतिशत लाभ जोड़ा है। एजेन्सी
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