न्यू जलपाईगुड़ी । बिहार-बंगाल की सीमा के पास सोमवार को बड़ा ट्रेन हादसा हुआ है। सियालदाह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस (13174) को पीछे से मालगाड़ी ने टक्कर मार दी। हादसे में कंजनजंगा एक्सप्रेस के तीन डिब्बे बेपटरी हो गए। हादसे के बाद हड़कंप मच गया। रेलवे की टीम जांच में जुट गई है। इस हादसे के बाद एक बार फिर पुराने जख्म हरे हो गए हैं। पिछले साल ओडिशा के बालासोर जिले में दो जून को एक भीषण ट्रेन हादसा हुआ था, जिसकी यादें ताजा हो गई हैं।
अधिकारियों की दी जानकारी के मुताबिक हादसे में अब तक 15 लोगों के मरने की खबर है। इसके अलावा 60 लोग घायल हैं। उन्होंने बताया कि मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है, कई लोग अभी भी डिब्बों में अंदर फंसे हुए हैं। राज्य और केंद्र की विभिन्न एजेंसियां स्थानीय लोगों के साथ मिलकर राहत और बचाव कार्य में युद्धस्तर पर लगी हैं।
रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि हादसे वाले रूट पर कवच सिस्टम नहीं था। इस पर जल्द ही काम शुरू किया जाएगा। अब तक 1500 किलोमीटर रेलवे ट्रैक पर कवच सिस्टम एक्टिव है। इस साल के आखिरी तक इसे 3 हजार किलोमीटर तक ले जाया जाएगा। ईस्टर्न रेलवे के सीपीआरओ कौशिक मित्रा ने नॉर्थ-ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के हवाले से बताया कि मृतकों में मालगाड़ी का पायलट और सह-पायलट भी शामिल है।
सूत्रों के हवाले से बताया है कि रेलवे के आंतरिक दस्तावेज में इस बात का खुलासा हुआ है कि ऑटोमेटिक सिग्नल खराब था, इस वजह से मालगाड़ी का ड्राइवर आगे बढ़ गया। रेड सिग्नल काम ही नहीं कर रहे थे। रानीपात्रा के स्टेशन मास्टर ने मालगाड़ी के ड्राइवर को जारी किए दस्तावेज टीए912 में उसे सभी रेड सिग्नल पार करने की मंजूरी थी।
कंचनजंगा एक्सप्रेस डेली ट्रेन है। यह बंगाल को पूर्वोत्तर के शहरों सिलचर और अगरतला से जोड़ती है। यह मार्ग चिकन नेक कॉरिडोर में है, जो पूर्वोत्तर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ता है। एक्सीडेंट की वजह से कई ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। कंचनजंगा एक्सप्रेस का इस्तेमाल अक्सर पर्यटक दार्जिलिंग की यात्रा के लिए करते हैं।
हादसे की जांच होगी : रेल मंत्री
कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटना के बाद केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव आज दोपहर घटनास्थल पर पहुंचे। घटनास्थल पर वे बाइक से आए। रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। अश्विनी वैष्णव ने कहा कि अभी में दुर्घटनास्थल पर रेस्क्यू का जायजा लेने गया था। घायलों से मिलने अस्पताल भी गया था। डॉक्टर्स, रेलवे स्टाफ, स्टेट गवनर्मेंट के स्टाफ और गांव के लोगों ने फौरन रेस्क्यू का काम किया। अभी सारा फोकस रेस्क्यू और रेस्टोरेशन पर है। साथ ही साथ कमिश्नर रेल सेफ्टी के द्वारा जो इन्क्वायरी होती है, वो भी शुरू हो गया है। डेटा पॉइंट और डेटा लॉग देखा जा रहा है। कंप्लीट इन्क्वायरी के बाद ही हादसे की वजह का पता चलेगा।
पश्चिम बंगाल में हुए रेल हादसे पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि- हादसे के पीड़ितों को दी जाने वाले अनुग्रह राशि में बढ़ोत्तरी की गई है। इसमें मरने वाले के परिजनों को 10-10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5-2.5 लाख रुपये और मामूली रूप से घायल होने वालों को 50-50 हजार सहायता राशि दी जाएगी।
घायलों से मिलने पहुंचे सांसद राजू बिष्ट
जलपाईगुड़ी के पास हुए रेल हादसे में घायलों को उत्तर बंगाल के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। घटनास्थल पर पहुंचे के बाद दार्जिलिंग के भाजपा सांसद राजू बिष्ट उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज घायलों से मिलने पहुंचे। उन्होने घायलों से बातचीत की और हर संभव सहायता की बात कही। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार घायलों के साथ है।
घायलों से मिलने के बाद उन्होंने कहा कि अभी तक मुझे पता चला है कि करीब 44 लोग घायल हैं और कुछ लोगों की जान चली गई है। घायलों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि चार की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सभी पीड़ितों के लिए सर्वोत्तम संभव चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने डॉक्टरों, नर्सों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों की टीम का बहुत आभार जताया, जो सभी दुर्घटना पीड़ितों को सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने के लिए लगन से काम कर रहे हैं।
रेलवे प्रशासन की विफलता है, न कि ड्राइवर की गलती
भारतीय रेलवे लोको रनिंगमैन संगठन (आईआरएलआरओ) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय पांधी ने कहा कि अब, दस्तावेज़ से यह स्पष्ट है कि गड़बड़ी के कारण मालगाड़ी के लोको पायलट को लाल सिग्नल पार करने का अधिकार दिया गया था। यह रेलवे प्रशासन की विफलता है, न कि ड्राइवर की गलती। उन्होंने कहा कि लोको पायलट की मौत हो जाने और सीआरएस जांच लंबित होने के बावजूद लोको पायलट को ही जिम्मेदार घोषित करना अत्यंत आपत्तिजनक है।
डायवर्ट हुईं 9 ट्रेन
कंचनजंगा एक्सप्रेस दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद 9 ट्रेन अलग-अलग रूट से डायवर्ट की गई हैं। इसमें ट्रेन नंबर- 20506- राजधानी एक्सप्रेस बारसोई स्टेशन पर रोकी गई, जिसे बाद में ठाकुरगंज के रास्ते से डायवर्ट किया गया। ट्रेन नंबर- 19602 एनजेपी –उदयपुर एक्सप्रेस को सिलीगुड़ी जंक्शन–बागडोगरा–ठाकुरगंज के रास्ते डायवर्ट कर दिया गया है। ट्रेन नंबर- 20503 और 12423- डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली जाने वाली राजधानी एक्सप्रेस और 01666- अगरतला से रानी कमलापति जाने वाली ट्रेन को न्यू जलपाईगुड़ी-सिलीगुड़ी-बागडोगरा और अलुआबाड़ी के रास्ते चलाया गया है।
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