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वैचारिक रूप से दिवालिया और सत्ता के भूखे हैं कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियां : जेपी नड्डा

तिरुवनंतपुरम । केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वे वैचारिक रूप से दिवालिया हो चुके हैं और सत्ता के भूखे हैं। उन्होंने कहा कि दक्षिण में लोकसभा में कमल खिल चुका है। उन्होंने कांग्रेस को बैसाखी से सहारे चलने वाली पार्टी बताया।

हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में केरल में पहली बार भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई है। अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने त्रिशूर लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था। यह सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय रहा था, जिसमें कांग्रेस, बीजेपी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों के बीच कड़ी टक्कर रही। तिरुवनंतपुरम में मंगलवार को भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों की एक बड़ी सभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टियों पर निशाना साधा। उन्होंने दोनों पार्टियों को ‘वैचारिक रूप से दिवालिया’ और ‘सत्ता के भूखे’ करार दिया। जेपी नड्डा ने कहा कि कम्युनिस्ट भी अपने बेटे-बेटियों को आगे बढ़ाकर कांग्रेस की नकल कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “आप समझ रहे हैं कि मेरा क्या मतलब है।”

दरअसल हाल ही में हुए लोकसभा चुनावों के बाद वे केरल में पहली बार दौरे पर आए हैं। पहले ही दौरे में भाजपा प्रमुख ने कांग्रेस पर हमला करते हुए उसे ‘परजीवी’ करार दिया। उन्होंने कहा कि इस साल आम चुनावों में क्षेत्रीय दलों की मदद और समर्थन की बदौलत कांग्रेस ने सीटें जीती हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस परजीवी की तरह हैं। उनका खुद का स्ट्राइक रेट खराब है। उन्होंने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस भाजपा से मुकाबला कर रहे थे वहां 60 से अधिक सीटों में से केवल दो पर कांग्रेस जीत पाई है।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस बैसाखी पर चलने वाली पार्टी है। वह अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती। क्षेत्रीय दलों के समर्थन की बदौलत उनकी राष्ट्रीय उपस्थिति है।” उन्होंने कहा कि एक कहानी बनाई गई थी कि भाजपा एक उत्तर भारतीय पार्टी है। लेकिन ऐसा नहीं है। अब हम एक अखिल भारतीय पार्टी हैं, जिसमें दक्षिण भारत भी शामिल है। दक्षिण से लोकसभा में कमल खिल गया है।” जेपी नड्डा ने कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों से स्पष्ट है कि लोगों ने स्थिरता और निरंतरता के लिए मतदान किया। इसलिए एनडीए लगातार तीसरी बार केंद्र में सत्ता में आई है। यह 60 वर्षों में पहली बार हुआ है। एजेन्सी

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