देहरादून, 02 अक्टूबर (एजेन्सी)। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घोषणा की कि प्रदेश सरकार राज्य आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन देने के लिए कार्य योजना तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल पर आयोजित सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर शहीद राज्य आंदोलनकारियों के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीदों की पुण्य स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि में सभा में कहा, राज्य आंदोलनकारियों के संघर्षों से ही हमें उत्तराखंड राज्य मिला। उन्होंने आश्वस्त किया कि आंदोलनकारियों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करना सरकार की प्राथमिकता और कर्तव्य है।
उन्होंने सभी आंदोलनकारियों को पूरा मान-सम्मान और अधिकार देने का भी संकल्प दोहराया। कहा, सभी आंदोलनकारियों की एक समान पेंशन हो, इसके लिए सरकार के स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। हमने आंदोलनकारियों को पूरा मान-सम्मान और अधिकार देने का संकल्प लिया है। सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा, राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाने के साथ ही राज्य आंदोलकारियों की मृत्यु के पश्चात उनके आश्रितों को भी पेंशन देने का निर्णय लिया है। उद्योगों में नौकरी के लिए राज्य आंदोलनकारियों को प्राथमिकता के लिए समुचित व्यवस्था की जा रही है। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा, हमारे शहीद आंदोलनकारियों के बलिदान की बदौलत हमें उत्तराखंड राज्य मिला।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, शहीदों के सपनों के अनुसार आज राज्य में विकास की नींव रखी जा रही है। मुजफ्फरनगर के स्थानीय लोगों ने भी आंदोलनकारियों का साथ दिया। कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री संजीव कुमार बालियान, कपिल देव अग्रवाल यूपी सरकार के राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार, विधायक प्रदीप बत्रा समेत कई अन्य लोग उपस्थित थे।
राज्य आंदोलनकारियों को वर्तमान तीन अलग-अलग श्रेणियों में पेंशन दी जाती है। सामान्य चिह्नित आंदोलनकारियों को 4500 रुपये, सात या उससे अधिक दिन जेल गए आंदोलनकारियों 6000 रुपये और रासुका के तहत जेल में रहे आंदोलनकारियों को 10 हजार रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जा रही है। राज्य आंदोलन से जुड़े संगठनों ने मुख्यमंत्री से आंदोलनकारियों की पेंशन के एक समान करने की मांग उठाई थी।
सीएम ने कहा, दो अक्तूबर 1994 को अलग राज्य की प्राप्ति के लिए आंदोलन कर रहे हमारे नौजवानों और माता-बहनों के साथ क्रूरतापूर्वक बर्ताव हुआ। कई आंदोलनकारियों की इसमें शहादत हुई। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी। मुख्यमंत्री ने रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता एवं स्थानीय उत्पादों के स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही।
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