पटना। बिहार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को राजधानी पटना स्थित 1 अणे मार्ग से ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ के तहत आवेदन प्रक्रिया और नगर क्षेत्रों के लिए ऑनलाइन पोर्टल का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने योजना से जुड़ी आवेदन प्रपत्र का विमोचन किया और 250 जागरूकता वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन वाहनों के जरिए राज्य के चिन्हित इलाकों में 20 दिनों तक वीडियो के माध्यम से महिलाओं को योजना से जुड़ी जानकारी दी जाएगी। कार्यक्रम के दौरान महिला सशक्तिकरण पर आधारित एक लघु फिल्म भी मुख्यमंत्री को दिखाई गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना का उद्देश्य है कि प्रत्येक परिवार की एक महिला को रोजगार के लिए आर्थिक सहायता दी जाए। सितंबर महीने से महिलाओं को पहली किस्त के रूप में 10,000 की राशि दी जाएगी, जिससे वे अपना रोजगार शुरू कर सकें। काम शुरू करने के बाद जरूरत के मुताबिक दो लाख रुपये तक की अतिरिक्त सहायता भी प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 2006 में पंचायती राज में और 2007 में नगर निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण दिया गया। अब तक 11 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूह बन चुके हैं, जिनसे 1.40 करोड़ जीविका दीदियां जुड़ी हुई हैं। शहरी इलाकों में भी अब तक 37 हजार समूह बनाए जा चुके हैं।
29 अगस्त 2025 को इस योजना को मंजूरी दी गई थी। सरकार का मानना है कि इससे महिलाओं को न सिर्फ रोजगार मिलेगा बल्कि परिवार की आमदनी भी बढ़ेगी। मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इससे बिहार के लोगों को काम के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। महिलाएं स्वरोजगार से जुड़कर अपने परिवार और समाज की आर्थिक स्थिति मजबूत करेंगी।
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