नई दिल्ली , 24 सितम्बर (एजेन्सी)। दिल्ली में आयोजित इंटरनेशनल लॉयर्स कॉन्फ्रेंस 2023 के समापन सत्र में आज केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah ने शिरकत की। समापन कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, कोई भी कानून अपने अंतिम स्वरुप में नहीं होता है। उनके लागू होने के बाद समय के साथ जो मुद्दे सामने आने लगते है, उनके अनुरुप बदलाव किए जाने चाहिए। कानून बनाने का लक्ष्य एक सुचारु व्यवस्था स्थापित करना होता है।
कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, यह सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण समय में आयोजित किया गया है। क्योंकि यह वह वर्ष है, जब हमारा संविधान अपने 75 साल पूरे करेगा। पीएम मोदी ने जी20 में महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास की बात की। इस मुद्दे को दुनिया के सामने रखा। जिसकी शुरुआत महिला आरक्षण बिल पास करके भारत ने कर दी है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन के समापन समारोह में हिस्सा लिया। कानून में समय-समय पर बदलाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चाहे जीएसटी हो या इन्सॉल्वेंसी एक्ट, इनमें जो बदलाव किए जा रहे हैं वो इनके लागू होने के बाद हुई त्रुटियों के कारण हैं। समय के साथ कानूनों में भी बदलाव जरूरी हो जाते हैं।
कार्यक्रम में पहली बार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विधि रत्न पुरस्कार 2023 बांटे गए। भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल के परासरण के बेटे एडवोकेट सतीश के परासरण, वरिष्ठ वकील फली नरीमन को पुरस्कार दिए गए। वहीं, पूर्व अटॉर्नी जनरल स्वर्गीय सोली सोराबजी की पत्नी और बेटे ने उनकी ओर से पुरस्कार प्राप्त किया।
अमित शाह ने कहा कि तीन प्रस्तावित आपराधिक कानून जन-केंद्रित हैं। इनमें भारतीय मिट्टी की महक है। इनका मुख्य उद्देश्य नागरिकों के संवैधानिक, मानवीय और व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करना है। अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए अमित शाह ने यह भी कहा कि इन तीनों विधेयकों का दृष्टिकोण सजा देने के बजाय न्याय प्रदान करना है।
दो दिवसीय इंटरनेशनल लॉयर्स कॉन्फ्रेंस 2023 का उद्धाटन पीएम मोदी द्वारा 23 सितंबर को किया गया था। बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा पहली बार इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया। दिल्ली के विज्ञान भवन में दो दिवसीय इंटरनेशनल लॉयर्स कॉन्फ्रेंस के पहले दिन भारत के मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ समेत कई न्यायाधीशों और गणमान्य लोगों ने शिरकत की थी।
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