सीएए संविधान की मूल संरचना के खिलाफ : स्टालिन

‘राज्य में नहीं होने देंगे लागू’

चेन्नई, 12 मार्च । देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के नियम लागू होने पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इसका विरोध किया। उन्होंने सीएए को विभाजनकारी और बेकार बताते हुए खारिज कर दिया। सीएम स्टालिन ने कहा कि वह इसे राज्य में लागू नहीं होने देंगे।

लोकसभा चुनाव से पहले सीएए के नियमों को लागू करने पर तमिलनाडु के सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सीएए और उसके नियम संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है। सीएम स्टालिन ने कहा, “इससे किसी को कुछ लाभ नहीं मिलने वाला है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह केवल भारत के लोगों को विभाजित करेगा। सरकार का रुख है कि यह कानून पूरी तरह से अनुचित है। यह ऐसा है, जिसे निरस्त कर देना चाहिए।” उन्होंने आधिकारिक सूचना में बताया, “तमिलनाडु सरकार किसी भी तरह से सीएए को यहां लागू करने का मौका नहीं देगी।”

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ पार्टी द्रमुख के अध्यक्ष स्टालिन ने बताया कि सीएए धर्मनिरपेक्ष, अल्पसंख्यक और श्रीलंका से तमिलनाडु आए शरणार्थियों के खिलाफ है।

नागरिकता संशोधन विधेयक से अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध प्रवासियों को नागरिकता के लिए पात्र बनाने के लिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया गया है।

नागरिकता संशोधन विधेयक 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में प्रस्तावित किया गया था। 9 दिसंबर 2019 को ही विधेयक सदन से पारित हो गया। 11 दिसंबर 2019 को यह विधेयक राज्यसभा से पारित हुआ था। (एजेन्सी)

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