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चुनाव के बाद अफ्स्पा को भूल जाएगी भाजपा : उमर अब्दुल्ला

जम्मू, 29 मार्च । नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने आरोप लगाया है कि पूर्व सेना प्रमुख वीके सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफ्स्पा) हटाने में बाधा डाली थी। यूपीए-2 सरकार के दौरान जनरल वीके सिंह सेना प्रमुख थे उसी समय अफ्स्पा लगाया गया था। वीके सिंह केंद्र सरकार में सड़क परिवहन , राजमार्ग मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय में राज्य मंत्री हैं। उमर वीरवार को सोपोर डाक बंगले में कार्यकर्ता से मुलाकात के दौरान उन्हें संबोधित कर रहे थे।

नेकां उपाध्यक्ष ने कहा, गृहमंत्री अमित शाह को अब अफ्स्पा की याद आई है। जबिक हमने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2011 में इसे हटाने की लड़ाई लड़ी थी। उस समय के सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह अफ्स्पा के समर्थन में खड़े हो गए थे। आज सरकार लोगों से कह रही है कि अफ्स्पा हटा देंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के खिलाफ एबीसी दलों द्वारा गठबंधन पर टिप्पणी करने पर उमर ने कहा कि वे सोच रहे होंगे कि नेकां को दबाव में ला देंगे, लेकिन भाजपा समेत सभी दलों का सामना करने की नेकां के पास पर्याप्त ताकत है। इस मौके पर पार्टी नेता नासिर असलम वानी, जाविद डार, इरशाद रसूल कर, मसरत कर, सज्जाद शफी, जावेद बेग आदि मौजूद थे।

उमर ने कहा, गृहमंत्री को पहले जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जनता की आवाजाही को आसान बनाना चाहिए। जब सैन्य काफिला गुजरता है तो आम नागरिकों की आवाजाही रोक दी जाती है। कम से कम राजमार्ग पर लोगों की आवाजाही को आसान बनाएं। इसके अलावा देश की विभिन्र जेलों में बंद जम्मू-कश्मीर के युवाओं को रिहा किया जाना चाहिए।

उमर ने आरोप लगाया कि अलगाववादियों के बच्चों और पोते-पोतियों को अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करने के लिए मजबूर करने की एक नई प्रक्रिया शुरू की है।आप उस युग को दोहरा रहे हैं जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ा है। उस दौर में नेकां और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अखबारों में घोषणा करके राजनीति छोड़ने के लिए मजबूर किया गया था। मालूम हो कि हाल ही में जेल में बंद अलगाववादी शब्बीर शाह और अल्ताफ फंटूश की बेटियों समा और रूवा ने पिता से अपनी राहें जुदा होने की घोषणा की थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, हमें आशंका है कि जिस तरह छठी अनुसूची पर लद्दाख के लोगों को बेवकूफ बनाया गया, वही हमारे साथ भी होगा। जब संसदीय चुनाव संपन्न होंगे और भाजपा सभी पांच सीटें हार जाएगी, तो वे अफ्स्पा के बारे में भूल जाएंगे। (एजेन्सी)

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