चाईबासा, 07 मई। कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वह आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन को उद्योगपतियों के हवाले करना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने आज मंगलवार को चाईबासा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा कि देश में जल, जंगल, जमीन पर पहला अधिकार आदिवासियों का है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) आदिवासी को वनवासी बताकर उनसे यह अधिकार लेना चाहती है। हमारा संकल्प है कि हम उन्हें यह अधिकार दिलाएंगे।
चुनाव के ऐलान के बाद पहली बार झारखंड आए राहुल गांधी ने चाईबासा में उसी टाटा कॉलेज मैदान में सभा को संबोधित किया, जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते 3 मई को रैली की थी। उन्होंने सिंहभूम सीट से झामुमो की प्रत्याशी जोबा मांझी के लिए वोट मांगे।
राहुल गांधी ने सभा में भारतीय संविधान की पुस्तक दिखाते हुए कि कहा कि भाजपा इसे फाड़कर फेंकना चाहती है। इस देश में आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों को जो भी मिला है, वह इस किताब की बदौलत मिला है। हमारे बड़े नेताओं ने इस किताब के लिए कुर्बानी दी थी। संविधान की इसी किताब की बदौलत आपको आरक्षण, नौकरियां मिलती हैं। इस किताब को भाजपा खत्म करना चाहती है और हम इसके लिए जान देने को तैयार हैं।
कांग्रेस नेता ने देश की टॉप ब्यूरोक्रेसी में आदिवासी अफसरों की कम भागीदारी का सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की देश में कुल आबादी आठ फीसदी है। लेकिन, इस हिसाब से उन्हें 100 रुपए में दस पैसे भी खर्च करने का अधिकार नहीं है। राहुल गांधी ने ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनने पर गरीबों, पिछड़ों, दलितों के हर परिवार की एक महिला को हर साल एक लाख रुपए उनके बैंक अकाउंट में डालने का वादा किया।
उन्होंने कहा कि हम देश में करोड़ों लोगों को लखपति बनाएंगे। उन्होंने ग्रेजुएट और डिप्लोमा होल्डर्स को पहली नौकरी देने, मनरेगा में रोजाना की मजदूरी 250 से बढ़ाकर 400 रुपए करने का भी वादा किया। कांग्रेस नेता ने कहा कि हमारी सरकार बनने पर देश में 50 परसेंट के आरक्षण का लिमिट खत्म कर देंगे। उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन को आदिवासी होने के कारण गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया। इस जनसभा को झारखंड के सीएम चंपई सोरेन और कल्पना सोरेन ने भी संबोधित किया। (एजेन्सी)
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