कोलकाता (ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार शाम यानी स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या को केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भारत ने भले ही आठ दशक पहले अंग्रेजों से आजादी पा ली हो, लेकिन भाजपा की केंद्र सरकार के राज में लोग अब भी सच में आजाद नहीं हैं। कोलकाता के बेहाला और हाजरा इलाकों में स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होने के बाद ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भाजपा सरकार लोगों से वोट देने का अधिकार, बोलने की आजादी और अन्य मौलिक अधिकार छीन रही है।
उन्होंने कहा कि भारत को भले ही 78 साल पहले आजादी मिली हो, लेकिन फासीवादी भाजपा के शासन में लोग सच में आजाद नहीं हैं। हम सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकता के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे, ताकि एक दिन हमें असली आजादी मिल सके।
ममता बनर्जी ने भाजपा पर पहले लगाए गए अपने आरोपों को दोहराया। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों को 100 दिन काम योजना के तहत मजदूरी नहीं दी जा रही है। उन्होंने ये भी कहा कि बंगाली भाषी प्रवासी मजदूरों को अन्य राज्यों में परेशान किया जा रहा है।
इसके साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चुनाव आयोग का गलत इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) लाने की कोशिश की जा रही है, जिसे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के नाम पर लागू किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ बंगाली भाषी मजदूरों को यह कहकर बांग्लादेश भेजा जा रहा है कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं।
अंत में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं अपनी आखिरी सांस तक लोगों के बोलने, चलने और उनके मूल अधिकारों को छीने जाने के खिलाफ लड़ती रहूंगी। उन्होंने भाजपा पर देशभर में विभाजन फैलाने का भी आरोप लगाया। बता दें कि इससे पहले उन्होंने कोलकाता में कन्याश्री योजना की 12वीं वर्षगांठ में यह भी कहा थ कहा कि अगर बंगाल नहीं होता तो भारत को आजादी नहीं मिलती। क्योंकि रवींद्रनाथ टैगोर और सुभाष चंद्र बोस जैसी हस्तियां यहीं पैदा हुई थीं। उन्होंने देश के भाग्य को आकार देने में अहम योगदान दिया।
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