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भाजपा और आरएसएस संविधान विरोधी : सिद्धारमैया

बंगलूरू, 25 फरवरी । संविधान और राष्ट्रीय एकता सम्मेलन-2024 के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि संविधान, सामाजिकि न्याय और समानता के खिलाफ रहने वाली भाजपा को हराएं। अगर आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराया नहीं गया तो समझ लीजिए कि देश में लोकतंत्र नहीं बचेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिद्धारमैया ने भाजपा और आरएसएस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि दोनों संविधान विरोधी है। साथ ही भाजपा पर सामाजिक न्याय और गरीबों, दलितों, पिछड़े वर्गों, अल्पसंख्यकों, मजदूरों और महिलाओं के खिलाफ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मैं लोगों से संविधान, सामाजिक न्याय और समानता के खिलाफ भाजपा को हराने की अपील करता हूं। आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और गैर-भाजपा दलों का समर्थन करें, जो संविधान के मुताबिक काम करती हैं।

सिद्धारमैया ने कहा कि दुनिया के सभी संविधानों का अध्ययन करने और उनमें से सर्वोत्तम सार निकालने के बाद भारत के संविधान में अधिकारों और सामाजिक न्याय को शामिल किया। उन्होंने बताया कि भारत का संविधान बुद्ध, बसव, शरणस, वचन क्रांति और कुवेम्पु, नारायणगुरु और विवेकानंद और अन्य लोगों की इच्छाओं का प्रतीक है।

भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने पुराने बयान का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने कहा था कि हम संविधान को बदलने के लिए सत्ता में आए थे। उस वक्त पीएम मोदी ने, अमित शाह , भाजपा , आरएसएस ने उनके बयान की निंदा नहीं की थी। सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने भाजपा और आरएसएस के एजेंडे और महत्वाकांक्षाओं के बारे में बोला था।

मजदूरों, किसानों, महिलाओं के अस्तित्व को संविधान में जगह दी गई है। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि अगर संविधान बदला गया तो ये सभी गुलामी के दौर में वापस आ जाएंगे। उन्होंने पुरानी सामाजिक कुप्रथाओं की व्यवस्था पर बोलते हुए कहा कि जब देश में संविधान नहीं था, तो आप सभी जानते हैं कि श्रमिकों, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति के लोगों के साथ कैसा बर्ताव किया जाता था। संविधान ने इन समुदायों को सशक्त किया है। हमें भाजपा को सत्ता से हटाकर संविधान को बचाना होगा। (एजेन्सी)

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