चंडीगढ़ (ईएमएस)। पंचकूला के औद्योगिक प्लाट आवंटन मामले में आरोपी हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व अन्य को मिली जमानत रद्द करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की मांग को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश से हुड्डा को बड़ी राहत मिली है।
ईडी ने याचिका में पंचकूला ईडी कोर्ट से भूपेंद्र सिंह हुड्डा को दी गई नियमित जमानत के मार्च 2021 के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। ईडी के अनुसार जमानत के लिए तय शर्त का सही पालन नहीं किया गया। हाईकोर्ट के समक्ष याचिका में ईडी ने हुड्डा व अन्य की जमानत को इस आधार पर रद्द करने की मांग की थी कि हुड्डा को जमानत देने का आदेश रिकार्ड में उपलब्ध तथ्यों और दस्तावेजों को अनदेखा कर पारित किया गया। याचिका के अनुसार विशेष अदालत ने हुड्डा को जमानत देने में गंभीर त्रुटि की है। उन्हें केवल इस आधार पर जमानत दे दी गई कि वह जांच में शामिल हुए थे और जांच एजेंसी ने पीएमएलए अधिनियम की धारा 19 को लागू कर गिरफ्तार नहीं किया था।
विशेष अदालत इस तथ्य को देखने में विफल रही कि हुड्डा प्रभावशाली व्यक्ति हैं। ऐसे में गवाहों व सबूतों को प्रभावित करने की क्षमता रखते हैं। इसके अलावा हुड्डा के भागने की भी आशंका है। इस मामले में ईडी ने हुड्डा, कुछ नौकरशाहों और उन सभी आवंटियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिन्हें हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते औद्योगिक भूखंड दिए गए थे। यह मामला हरियाणा के पंचकूला में 14 औद्योगिक भूखंडों के आवंटन से संबंधित है। आरोप के अनुसार आवेदन प्राप्त होने की अंतिम तिथि के बाद पात्रता मानदंड में गलत तरीके से बदलाव किया गया।
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