नई दिल्ली, 02 अप्रैल । सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में आप सांसद संजय सिंह को जमानत दे दी। जस्टिस संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पीबी वराले की पीठ ने मंगलवार को छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को जमानत देने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि अगर आप नेता को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस पीबी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया।
पीठ ने कहा कि आप नेता अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं लेकिन इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं दे सकते। हालांकि, बेंच ने साफ किया कि संजय सिंह को दी गई जमानत को ‘मिसाल’ के तौर पर नहीं लिया जाएगा। तीन जजों की बेंच ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी. राजू ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी से निर्देश ले लिए हैं और अगर सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से पूछा था कि क्या सिंह को और कुछ समय के लिए हिरासत में रखने की जरूरत है? सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से कहा था कि अगर दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले में आप नेता संजय सिंह की हिरासत की जरूरत है तो लंच ब्रेक के बाद इससे उसे अवगत कराया जाए।
इसके अलावा शीर्ष अदालत ने कहा खा कि आप नेता संजय सिंह छह महीने जेल में बिता चुके हैं और उनके खिलाफ दो करोड़ रुपये की रिश्वत लेने का आरोप है। इन आरोपों की जांच ट्रायल के दौरान की जा सकती है।
सिंह की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सिंघवी ने कहा आप गिरफ्तारी की ‘जरूरत’ के मुद्दे पर विचार कर रहे हैं। यह धारा 19 पीएमएलए के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने धारा 19 (1) पढ़कर सुनाई और साथ ही विजय मदनलाल चौधरी के फैसले का हवाला दिया।
जस्टिस खन्ना ने इस पर कहा कि कृपया आप सही तथ्य पर बात करें। इस पर सिंघवी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा ने पहले अपने नौ बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। इस पर खन्ना ने कहा कि क्या दिनेश अरोड़ा को सीबीआई मामले में 16 नवंबर 2022 में माफी मिली?
इस पर सिंघवी ने कहा कि तब तक उनके बयानों में सिंह का नाम नहीं था। दिनेश अरोड़ा को न्यायिक हिरासत में भेजा गया, जिसके बाद उन्होंने पहली बार आरोप लगाए।
पिछली सुनवाई में संजय सिंह के लिए पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के मुख्य गवाह दिनेश अरोड़ा ने पहले अपने नौ बयानों में संजय सिंह का नाम नहीं लिया था। सिंघवी ने कोर्ट में कहा था कि अप्रूवर की गवाही तब तक विश्वसनीय नहीं होती, जब तक उसकी पुष्टि न हो जाए।
बता दें, 19 जुलाई 2023 को अप्रूवर बने दिनेश अरोड़ा के बयान में पहली बार संजय सिंह का नाम आया। यहां तक कि 164 के बयान में भी नाम नहीं लिया था। संजय सिंह ने ईडी के खिलाफ (मानहानि) शिकायत की और फिर ईडी ने बिना किसी समन के उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हाईकोर्ट ने सात फरवरी को सिंह की जमानत याचिका खारिज कर दी थी, लेकिन निचली अदालत को सुनवाई शुरू होने पर इसमें तेजी लाने का निर्देश दिया था। सिंह दिल्ली से राज्यसभा के लिए फिर से चुने गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने सिंह को मामले में चार अक्तूबर, 2023 को गिरफ्तार किया था। (एजेन्सी)
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