झारग्राम (ईएमएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा को चुनौती दी। तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने भाजपा का नाम न लेते हुए निशाना साधा। उन्होंने कहा, आप मुझे तब तक नहीं हरा सकते, जब तक मैं आपको इजाजत ना दूं।
सीएम ममता ने बुधवार को झारग्राम के पंचमाथा मोड़ में एक जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह एक शेरनी हैं और किसी को भी उन्हें घायल करने और उन्हें खतरनाक बनाने का जोखिम उठाने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। उन्होंने अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को चेतावनी दी कि वे उन्हें कम न आंकें और स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है।अपने राजनीतिक अतीत का स्पष्ट उल्लेख करते हुए, उन्होंने कहा कि वह माकपा की गोलियों से बच निकलीं। बनर्जी ने कहा, मेरा सिर कुचल दिया गया, मेरा शरीर खून से लथपथ हो गया। मुझे डर नहीं है। मैं तुम्हें चींटियों की तरह कुचल दूंगी। मैं एक जिंदा शेरनी हूं। मुझे घायल करने की कोशिश मत करो, मैं खतरनाक हो जाऊंगी।
ममता बनर्जी ने जोर देकर कहा कि आप मुझे तभी हरा सकते हैं, जब मैं इसकी इजाजत दूं। अगर मैं नहीं चाहती, तो आप नहीं कर सकते। ममता बनर्जी को हराना आसान नहीं है। बनर्जी की यह टिप्पणी चुनाव आयोग द्वारा उनकी सरकार को दो निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) सहित चार सरकारी अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश के बाद आई है।
आक्रोश व्यक्त करते हुए, बनर्जी ने चुनाव आयोग पर राजनीतिक पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, आयोग अमित शाह के एजेंट की तरह काम कर रहा है। यह अमित शाह के हाथों की कठपुतली की तरह काम कर रहा है। बंगाल इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगा। मैं अपने अधिकारियों को सजा नहीं मिलने दूंगी। अगर हिम्मत है तो करके देखो!
सीएम बनर्जी ने मतदाताओं से मतदाता सूची में अपना नाम जांचने और सतर्क रहने की भी अपील की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, ‘मतदाता सूची में आपका नाम ही आपकी पहचान है। अभी पंजीकरण कराएं और बाद में दोबारा जांच लें। चुनाव के दिन अपना नाम गायब पाकर चौंकें नहीं। उन्होंने एनआरसी से जुड़ी भय फैलाने की कोशिशों पर चिंता दोहराते हुए कहा, असम से बंगाल में लोगों को डराने के लिए नोटिस भेजे जा रहे हैं। उन्हें जरा भी शर्म नहीं है।
जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने जंगलमहल में बिताए अपने समय की यादें ताजा कीं और 1992 में बेलपहाड़ी की अपनी यात्रा को याद किया। उन्होंने कहा, लोग खाने के लिए चींटियां और जड़ें उबाल रहे थे। उस दिन, मैंने चीजें बदलने का फैसला किया। इसलिए मैंने ‘खाद्य साथी’ शुरू किया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बंगाल में कोई भी भूखा न रहे।
सीएम ने बंगाली भाषी लोगों को कलंकित करने की कोशिशों की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि अब अगर आप बंगाली बोलते हैं, तो आपको बांग्लादेशी या रोहिंग्या कहा जाता है। यह बंगाली भाषा पर हमला है। उन्होंने जनता से इसका विरोध करने की अपील की। साथ ही कहा, जय बांग्ल’ कहो। विरोध करो। हम बिना लड़े एक इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। आपका वोटर कार्ड सिर्फ एक कार्ड नहीं है, यह आपकी पहचान का प्रमाण है।
उन्होंने आत्मविश्वास से भरे लहजे में कहा, आप मुझे तभी हटा सकते हैं जब मैं पद छोड़ने का फैसला करूं। वरना, आपके समर्थक भी मुझे वोट देंगे। उन्होंने राज्य सरकार के कर्मचारियों को भी सीधे संबोधित किया और उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा, आप जनता के लिए काम करते हैं। आपकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मेरी है। वे आपको डराने की कोशिश करेंगे, लेकिन कामयाब नहीं होंगे। बंगाल चुनाव के नाम पर उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं करेगा।
ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर वरिष्ठ भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भाषण से असुरक्षा झलकती है। भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिन्हा ने कहा, विरोधियों को चींटियों की तरह कुचलने की उनकी धमकी दर्शाती है कि वह कितनी कमजोर और हताश हो गई हैं।
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