लखनऊ (एजेन्सी) । अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक बार फिर से 69 हजार शिक्षक भर्ती में आरक्षण में हुई अनियमितता को दूर करने के साथ ही जातीय जनगणना कराने की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि शिक्षक भर्ती में शामिल हुए पिछड़े व दलित अभ्यर्थियों को न्याय मिलना चाहिए। वहीं, जातीय जनगणना को लेकर कहा कि उनकी पार्टी इस मुद्दे को बराबर उठाती रही है। हालांकि उन्होंने अब तक जातीय जनगणना न कराए जाने को लेकर कांग्रेस और सपा को जिम्मेदार ठहराया।
अनुप्रिया बुधवार को राजधानी के चारबाग स्थित रवींद्रालय प्रेक्षागृह में आयोजित पार्टी की मासिक बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। उन्होंने जातीय जनगणना के सवाल पर कहा कि जनगणना की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। इसलिए उनकी पार्टी की मांग है कि जनगणना की प्रक्रिया में जातीय जनगणना की जानी चाहिए। इस संबंध में पार्टी एनडीए की बैठकों में अपना पक्ष रख चुकी है।
उन्होंने कांग्रेस और सपा पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र में कांग्रेस और यूपी में सपा की कई बार सरकार रही है, लेकिन सत्ता में रहते हुए इन दोनों दलों को कभी भी जातीय जनगणना की याद नहीं आई। जातीय जनगणना को लेकर दोनों दलों का नया-नया प्रेम है। बिहार में सरकार ने चाहा तब जातीय जनगणना कराई। वैसे ही सपा को यूपी में कराना चाहिए था।
अनुप्रिया ने कहा कि उपचुनावों में एनडीए सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करेगा। अपना दल (एस) का एक-एक कार्यकर्ता एनडीए प्रत्याशी की जीत के लिए काम करेगा। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल के परिनिर्वाण दिवस पर अपना दल (एस) जिलास्तरीय कार्यक्रम करेगी।
कार्यकर्ता सम्मेलन के दौरान अनुप्रिया अपने पिता डॉ. सोनेलाल पटेल को याद कर भावुक हो गईं। डॉ. सोनेलाल की मृत्यु के बाद रवींद्रालय में आयोजित शोकसभा को याद करते हुए उन्होंने कहा कि तब मैं एक बेटी के रूप में आई थीं। उस वक्त पार्टी के नेताओं ने पार्टी की बागडोर सौंपी थी। इस मौके पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष आशीष पटेल ने कहा कि पार्टी परफॉर्मेंस अप्रेजल करती है।
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