रायगढ़ (ईएमएस)। छत्रपति शिवाजी महाराज की 345वीं पुण्यतिथि पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र के रायगढ़ किले में पहुंचे। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। केंद्रीय गृह मंत्री ने शिवाजी महाराज की वीरता को नमन किया। उन्होंने कहा कि खुद को आलमगीर कहने वाला औरंगजेब जीवन भर महाराष्ट्र में मराठों के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहा। वह मराठों से हारा और इसी धरती में दफन किया गया। औरंगजेब की समाधि इसी धरती पर है।
अमित शाह ने कहा कि शिवाजी महाराज महाराष्ट्र तक सीमित नहीं हैं। उनकी एकता की विरासत देश के लिए प्रेरणा है। शिवाजी महाराज के स्वधर्म और स्वराज्य के आदर्श स्वतंत्रता के 100वें वर्ष तक महाशक्ति बनने की भारत की महत्वाकांक्षा को प्रेरित करते रहेंगे। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मैं महाराष्ट्र के लोगों से अपील करता हूं कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज को राज्य तक सीमित न रखें। उनकी जबरदस्त इच्छाशक्ति, दृढ़ संकल्प और साहस देश को प्रेरित करते हैं क्योंकि उन्होंने रणनीतिक रूप से समाज के सभी वर्गों को एकजुट किया। शिवाजी महाराज ने मुगलशाही को हराया था।
अमित शाह ने कहा कि न तो भाग्य छत्रपति शिवाजी महाराज के साथ था, न ही अतीत उनके साथ था, न ही उनके पास पैसा था और न ही सेना थी। एक बच्चे ने अपने अदम्य साहस और दृढ़ संकल्प से पूरे देश को स्वराज का मंत्र दिया। कुछ ही समय में उन्होंने 200 साल पुरानी मुगल हुकूमत को चकनाचूर कर दिया और देश को आजाद कराया।
उन्होंने कहा कि आज आजादी के 75 साल बाद हम दुनिया के सामने सिर ऊंचा करके खड़े हैं। हम संकल्प लेते हैं कि जब आजादी के 100 साल पूरे होंगे तो हमारा भारत दुनिया में नंबर वन होगा। यह शिवाजी महाराज का भी सपना था। महान मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श भारत को अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी मनाने और महाशक्ति बनने की यात्रा के लिए प्रेरित करते हैं। नरेंद्र मोदी सरकार शिवाजी महाराज के आदर्शों पर काम करती है।
गृह मंत्री ने रायगढ़ किले को एक पर्यटन स्थल के बजाय भावी पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने स्वधर्म की रक्षा और स्वराज्य की स्थापना के बीज बोने का श्रेय शिवाजी महाराज की मां जीजाबाई को दिया। अमित शाह ने कहा कि भारत 2047 में अपनी स्वतंत्रता की शताब्दी की ओर बढ़ रहा है और महाशक्ति बनना चाहता है। ऐसे में शिवाजी महाराज एक प्रेरणा के रूप में खड़े हैं। उनकी राजमुद्रा (शाही चिन्ह) का प्रयोग भारतीय नौसेना के ध्वज के रूप में किया जाता है। जो राष्ट्र पर उनके स्थायी प्रभाव का प्रतीक है। शाह ने स्वधर्म के लिए लड़ाई जारी रखने तथा सुशासन और न्याय पर शिवाजी महाराज की शिक्षाओं को कायम रखने के महत्व पर बल दिया।
इससे पहले, शाह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने रायगढ़ किले के पास पचाड में जीजाबाई को पुष्पांजलि अर्पित की। शाह के साथ मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे और अजित पवार, और मराठा वंशज भाजपा सांसद उदयनराजे भोसले और राज्य मंत्री शिवेंद्रसिंह भोसले थे।
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि वह अरब सागर में शिवाजी महाराज का स्मारक बनाने के लिए काम करेंगे। इस परियोजना से संबंधित याचिका को वापस बॉम्बे उच्च न्यायालय को भेज दिया गया है। हम मामले को कुशलतापूर्वक प्रस्तुत करेंगे। फडणवीस ने दिल्ली में शिवाजी महाराज का राष्ट्रीय स्मारक बनाने की उदयनराजे भोसले की मांग को भी स्वीकार कर लिया और अमित शाह के साथ इस मामले पर चर्चा करने का वादा किया।
मराठा योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज उदयनराजे भोसले ने सामाजिक न्याय और सांप्रदायिक सद्भाव पर शिवाजी महाराज की शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने शिवाजी महाराज का अपमान करने को गैर-जमानती अपराध बनाने तथा 10 साल की जेल की सजा का कानून बनाने की मांग की। साथ ही सिनेमा में ऐतिहासिक सटीकता सुनिश्चित करने के लिए सेंसर बोर्ड की स्थापना का प्रस्ताव रखा।
उन्होंने कहा कि दूसरों के लिए अपना जीवन समर्पित करने के बावजूद उनका अपमान किया जा रहा है। अरब सागर में शिवाजी महाराज के आगामी स्मारक के निर्माण में पर्यावरण और पारिस्थितिकी संबंधी मुद्दों के कारण देरी हो सकती है, लेकिन राजभवन में 48 एकड़ भूमि पर इसका निर्माण किया जा सकता है।
अमित शाह यहां से सुतारवाड़ी गए। वहां एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष और रायगढ़ के सांसद सुनील तटकरे के आवास पर दोपहर के भोजन के लिए जाएंगे। गौरतलब है कि तटकरे ने व्यक्तिगत रूप से उन्हें भोजन का निमंत्रण दिया था, जिसे शाह ने स्वीकार भी किया। तटकरे ने कहा कि लंच के दौरान कोई राजनीतिक चर्चा नहीं होगी।
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