‘बीआरओ ने सीमाओं पर सड़क को जाल बिछाया’
नई दिल्ली, 02 अप्रैल । बीते कुछ दिनों से चीन एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश को लेकर तमाम बयानबाजी कर रहा है। हद तो तब हो गई, जब चीन ने अरुणाचल के कुछ क्षेत्र को नए नाम दिए थे। हालांकि चीन ने इस हरकत पर विदेश मंत्री जयशंकर ने दो टूक शब्दों में कहा था कि नाम बदलने से कोई चीज उनकी नहीं हो जाती है। इस बीच, पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव जारी रहने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि सरहद पर भारतीय सेना पूरी मुस्तैदी के साथ खड़ी है। शांतिपूर्ण समाधान के लिए दोनों पक्षों के बीच बातचीत जारी है।
सेना के शीर्ष कमांडरों को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने रक्षा और सुरक्षा को नई ऊंचाईयों तक ले जाने के लिए सेना के नेतृत्व की सराहना की है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में सेना का अहम योगदान है। अपने संबोधन में राजनाथ सिंह ने सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की भी सराहना की और कहा कि उसके प्रयासों से पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर सड़क संचार में एक बड़ा सुधार आया है।
रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा कि उत्तरी सीमाओं पर मौजूदा स्थिति पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूरा विश्वास जताया और सरहद पर मौजूद सैनिकों की सराहना की है। गौरतलब है कि भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख में कुछ क्षेत्रों को लेकर लगभग चार वर्षों से गतिरोध बना हुआ है, जबकि दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से सैनिकों की वापसी पूरी कर ली है।
पाकिस्तान से सटी सीमा का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि सेना ने सीमा पर से आतकंवाद को रोका है, जिसकी हम सराहना करते हैं। हालांकि सरहद पार से अभी भी छद्म युद्ध जारी है। रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों, स्थानीय पुलिस और सेना के बीच शानदार तालमेल की भी सराहना की। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में समन्वित अभियान क्षेत्र में स्थिरता बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और इसे जारी रहना चाहिए। (एजेन्सी)
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