नई दिल्ली, 04 सितम्बर (एजेन्सी)। गृह मंत्री अमित शाह ने आधिकारिक भाषा पर संसद समिति के सदस्यों के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की और उन्हें पैनल की रिपोर्ट का 12वां खंड सौंपा। आजादी के बाद से 2014 तक समिति की रिपोर्ट के नौ खंड प्रस्तुत किए गए और 2019 के बाद से तीन खंडों को मंजूरी दी गई। ये खंड विषयवार तैयार किए गए हैं। 12वें खंड का विषय ‘सरलीकरण’ है।
आज माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी से संसदीय राजभाषा समिति के सदस्यों के साथ भेंट की और उन्हें राजभाषा समिति के प्रतिवेदन का 12वाँ खंड सौंपा।
साथ ही, राजभाषा को और अधिक लोकोपयोगी बनाने के विषय पर चर्चा की। @rashtrapatibhvn pic.twitter.com/Unxw1mAOkk
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) September 4, 2023
गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि आज संसद की राजभाषा समिति के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इस दौरान उन्हें राजभाषा समिति की रिपोर्ट का 12वां खंड सौंपा। इसे अधिकारिक बनाने पर जोर दिया गया। गृहमंत्री अमित शाह के साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा और निसिथ प्रमाणिक सहित 15 से अधिक सांसद मौजूद थे। 12वें खंड को गृहमंत्री अमित शाह ने चार अगस्त को आधिकारिक भाषा पर संसदीय समिति की 38वीं बैठक में मंजूरी दी थी।
समिति की 38वीं बैठक में शाह ने कहा था कि भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का कोई खास दिन नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक पटल पर हिन्दी सहित अन्य भारतीय भाषाओं को गर्व से प्रस्तुत करते हैं। स्थानीय भाषाओं के साथ हिन्दी की प्रतिस्पर्धा नहीं है। हर भारतीय भाषा को बढ़ावा दिया जाएगा, तब ही भारत सशक्त होगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में 10 भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग और मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। जल्द ही हर भारतीय भाषा में यह पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। पीएम संसद में एक भी भाषण अंग्रेजी में नहीं देते हैं। राजभाषा की स्वीकार्यता किसी कानून या सर्कुलर से नहीं होती। बल्कि सद्भावना, प्रेरणा और प्रोत्साहन से राजभाषा की स्वीकार्यता तय होती है।
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