नई दिल्ली । चुनाव अधिकार संस्था ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने अपने दावे को लेकर अब चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। बता दें कि कुछ दिन पहले एडीआर ने दावा किया है कि लोकसभा चुनावों में 538 निर्वाचन क्षेत्रों में डाले गए मतों की संख्या और गिने गए मतों की संख्या में गड़बड़ी है। एडीआर की तरफ से जारी किए गए विश्लेषण के अनुसार, हालिया लोकसभा चुनावों में गिने गए कुल 5 लाख 54 हजार 598 वोट 362 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोटों से कम हैं, जबकि 176 संसदीय क्षेत्रों में डाले गए वोटों से 35 हजार 093 वोट अधिक गिने गए हैं।
इस मामले में एडीआर ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और अन्य दो चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और डॉ. सुखबीर सिंह संधू को पत्र लिखकर 2024 के आम चुनावों के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के वोटों में कथित विसंगतियों पर गंभीर चिंता जताई है। उन्होंने भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को पूरी तरह से मिलान से पहले अनंतिम डेटा के आधार पर परिणामों की घोषणा बंद करने का निर्देश देने की मांग की। इस याचिका में 2019 के लोकसभा चुनावों का हवाला दिया गया, जहां अनुमानित आंकड़ों के आधार पर परिणाम घोषित किए गए थे।
एडीआर ने आरोप लगाया कि दिसंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईसीआई और भारत संघ को नोटिस जारी करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस पत्र में इन विसंगतियों को दूर करने और चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास सुनिश्चित करने के लिए ईसीआई से तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है। पत्र में कहा गया है, सभी वोट महत्वपूर्ण है और इसका हिसाब होना चाहिए। वहीं एडीआर ने ईसीआई से इन विसंगतियों के पीछे के कारणों को स्पष्ट करने का आग्रह किया गया है।
एडीआर की रिपोर्ट में कहा गया है कि आम चुनाव 2024 के नतीजों की घोषणा करते समय डाले गए और गिने गए मतों में अमरेली, अत्तिंगल, लक्षद्वीप और दादरा नगर हवेली और दमन दीव को छोड़कर 538 संसदीय क्षेत्रों में भारी गड़बड़ी सामने आईं। हालांकि सूरत निर्वाचन क्षेत्र निर्विरोध था। इसलिए 538 लोकसभा क्षेत्रों में कुल 5 लाख 89 हजार 691 वोट की गड़बड़ियां हैं।
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