नई दिल्ली, 26 सितम्बर (एजेन्सी)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कहा कि वह बीआरएस नेता बी कविता को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में 20 नवंबर तक पूछताछ के लिए नहीं बुलाएंगे। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट बी कविता की याचिका पर 20 नवंबर को सुनवाई करेगा। ऐसे में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा बी कविता की याचिका पर सुनवाई तक पूछताछ नहीं करने का फैसला किया है। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धुलिया की पीठ के सामने ईडी की तरफ से पेश हुए एडिश्नल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने यह आश्वासन दिया। बी कविता ने अपनी याचिका में ईडी द्वारा पूछताछ के लिए जारी किए गए समन को चुनौती दी है।
बता दें कि बी कविता ने अपनी याचिका में धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 50 के तहत ईडी को नोटिस या समन के जरिए उन्हें बुलाने से रोकने की मांग की है। पीएमएलए कानून की धारा 50 समन जारी करने, दस्तावेज पेश करने, साक्ष्य देने आदि मामले में अधिकारियों की शक्तियों से संबंधित है। बी कविता ने याचिका में कहा है कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले की एफआईआर में उनका नाम नहीं है, साथ ही उन्हें जारी किया गया समन सीआरपीसी की धारा 160 का उल्लंघन है, जिसमें किसी महिला को, जिस जगह वो रहती है, उससे अलग जगह पर गवाह के रूप में उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं है। बी कविता ने ये भी कहा कि दिन छिपने के बाद किसी महिला को उसके घर के अलावा किसी अन्य जगह पूछताछ नहीं की जा सकती।
दिल्ली में पिछले साल लागू की गई आबकारी नीति की सीबीआई द्वारा जांच की जा रही है। आरोप है कि आबकारी नीति 2021-22 बनाने और उसे लागू करने में लापरवाही बरती गई। इस दौरान नियमों की अनदेखी हुई और नीति के क्रियान्वयन में गंभीर चूक हुई। आरोपों में निविदा को अंतिम रूप देने में अनियमित्ताएं और चुनिंदा विक्रेताओं को टेंडर के बाद अनुचित लाभ देना भी शामिल है। दिल्ली सरकार पर आरोप है कि सरकार ने शराब विक्रेताओं की लाइसेंस फीस माफ की, जिससे सरकारी खजाने को 144 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। दिल्ली के तत्कालीन आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया पर प्रावधानों की अनदेखी का आरोप है। मनीष सिसोदिया फिलहाल जेल में बंद हैं।
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