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जीवन के हर पहलू में शक्ति और करुणा की प्रतीक हैं महिलाएं : Prem Singh Tamang

गंगटोक । मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने रविवार को रानीपुल के सरमसा गार्डन में आयोजित राज्यस्तरीय तीज उत्सव 2024 में भाग लिया। समारोह में राज्यस्तरीय तीज समारोह की मुख्य संरक्षक श्रीमती कृष्णा राई, सिक्किम विधानसभा (एसएलए) के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री, विधायक-सह-सलाहकार, जिला अध्यक्ष और उपाध्याय, विभागाध्यक्ष, विभिन्न विभागों के गणमान्य व्यक्ति, नारी शक्ति के सदस्य और आम जनता भी उपस्थित थी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay ) ने कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं तथा जीवन के हर पहलू में शक्ति और करुणा की प्रतीक हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि तीज उत्सव समुदाय को एक भव्य समारोह में एक साथ लाता है, जो राज्य की एकता और इसके नागरिकों की सामूहिक पहचान का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए महिलाओं की भी सराहना की। उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण और समर्थन के उद्देश्य से कई सरकारी पहलों पर चर्चा की, जिनमें सिक्किम आमा सहयोग योजना, बहिनी योजना, सिक्किम आमा सशक्तिकरण योजना और वात्सल्य योजना शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में 17 महिलाएं सिक्किम सरकार के विभिन्न विभागों में सचिव जैसे प्रतिष्ठित पदों पर कार्यरत हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आने वाले वर्ष में इन पदों पर और अधिक महिलाओं की नियुक्ति होगी तथा इसे एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया। उन्होंने 2019 में कोविड-19 महामारी और 2022 में दूसरी लहर के दौरान सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला और इन चुनौतियों पर काबू पाने में उनके अटूट समर्थन के लिए सिक्किम के नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त किया।

मुख्यमंत्री ने ‘सुनाउलो अनी समृद्ध सिक्किम’ की पहल के लिए सामूहिक समर्थन और योगदान का भी आह्वान किया और 2025 में भारत के साथ सिक्किम के विलय की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर मनाए जाने वाले समारोह का उल्लेख किया, जिसे बड़ी भव्यता के साथ मनाया जाएगा। अंत में उन्होंने विश्व फिजियोथेरेपी दिवस के अवसर पर सभी फिजियोथेरेपिस्टों को शुभकामनाएं भी दीं। विधानसभा की उपाध्यक्ष और आयोजन समिति की अध्यक्ष सुश्री राज कुमारी थापा ने तीज उत्सव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक हर्षोल्लासपूर्ण और जीवंत उत्सव है, जो पूरे देश में महिलाओं के लिए गहन अर्थ रखता है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि किस प्रकार यह उत्सव रंग, संगीत और नृत्य के माध्यम से समुदायों को एक साथ लाता है, तथा महिलाओं की दृढ़ता और जीवटता को एक भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करता है। उन्होंने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के उत्थान और सशक्तिकरण के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई सिक्किम आमा सहयोग योजना, बहिनी योजना, सिक्किम आमा सशक्तिकरण योजना और वात्सल्य योजना सहित विभिन्न योजनाओं पर भी प्रकाश डाला।

सुश्री गंगा परसाई ने तीज उत्सव के बारे में जानकारी साझा की तथा इसके महत्व और समृद्ध प्रतीकात्मकता के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि तीज भक्ति और विश्वास का उत्सव है जो देवी पार्वती और भगवान शिव के साथ उनके मिलन से जुड़ा है, जो एक खुशहाल और स्थायी विवाह का प्रतीक है।

दिन का मुख्य आकर्षण जिला स्तरीय नृत्य प्रतियोगिता का फाइनल था, जिसमें सभी छह जिलों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के विजेताओ में प्रथम स्थान जंगू निर्वाचन क्षेत्र (मंगन जिला), द्वितीय स्थान, सियारी निर्वाचन क्षेत्र (गंगटोक जिला), तृतीय स्थान, यांगथांग निर्वाचन क्षेत्र (गेजिंग जिला) को मिला है। प्रथम, द्वितीय और तृतीय विजेताओं को क्रमशः 10 लाख, 7 लाख और 5 लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। नृत्य प्रतियोगिता का मूल्यांकन सेलिब्रिटी जज कमल राई, सुश्री निशा रसाईली और सुश्री सुषमा सुनाम द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान, अपने-अपने क्षेत्र में योगदान देने वाली प्रमुख महिलाओं को सम्मानित किया गया। सिक्किम विधान सभा की पहली महिला अध्यक्ष सुश्री कलावती सुब्बा को बधाई दी गई। वहीं राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता 2024 सुश्री यांकीला लामा, स्नातक शिक्षक कला, मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल, गंगटोक को भी बधाई दी गई।

इस दिन डुमी गांव के श्री बिदुर गौतम, पोकलोक कामरंग और जोरेथांग के छेरिंग तमांग द्वारा क्रमशः “वै हलचा” और “क्रांति मा शांति” गीतों का विमोचन भी किया गया। दिन का समापन सभी प्रतिभागी निर्वाचन क्षेत्रों और विजयी टीम को औपचारिक पुरस्कार वितरण के साथ हुआ।

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