दार्जिलिंग । दार्जिलिंग पहाड़ और गोरखाओं को आज तक जो कुछ भी मिला, वह केंद्र में कांग्रेस सरकार के शासनकाल के दौरान ही मिला है। लेकिन भारतीय जनता पार्टी नीत केंद्र की मौजूदा सरकार ने पिछले 15 वर्षों तक पहाड़ एवं यहां के निवासियों को गुमराह करने का ही काम किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के इतर आज आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स ने उक्त बातें कहीं।
गौरतलब है कि मणिपुर से शुरू होने के बाद भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने बुधवार को नागालैंड में प्रवेश कर विभिन्न जिलों का दौरा किया। राहुल गांधी के साथ इसमें पार्टी के कई शीर्ष नेता भी शामिल हो रहे हैं, जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश भी शामिल है।
इस अवसर पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में जयराम रमेश ने कहा कि हाम्रो पार्टी के अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स और उनकी टीम भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए दार्जिलिंग से आए हैं। उन्होंने आज नागालैंड में राहुल गांधी के साथ न्याय यात्रा की है। इस दौरान, पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दार्जिलिंग के राजनीतिक परिदृश्य में हाम्रो पार्टी की महत्वपूर्ण भूमिका बताते हुए हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स से अपना पक्ष रखने का अनुरोध किया।
इस पर पत्रकारों को संबोधित करते हुए अजय एडवर्ड्स ने कहा कि हम भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल होने के लिए दार्जिलिंग से आये हैं और आज यात्रा के चौथे दिन इससे जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि हाम्रो पार्टी का कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन जब से कांग्रेस पार्टी ने भारत जोड़ो न्याय यात्रा का आह्वान किया है, हम काफी सक्रिय हो गए हैं।
उन्होंने कहा, असम, मणिपुर और दार्जिलिंग ही नहीं, आज समूचे देश की स्थिति काफी चिंताजनक है। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार ने दार्जिलिंग के गोरखाओं की दीर्घकालिक मांगों को पूरा करने का वादा करने के बावजूद आज तक उन्हें पूरा नहीं किया है। अभी तक दार्जिलिंग पहाड़ और गोरखाओं ने जो हासिल किया है, वह कांग्रेस शासन के दौरान ही किया है।
अजय एडवर्ड्स ने कहा कि 1986 के गोरखालैंड आंदोलन के बाद 1988 में कांग्रेस की राजीव गांधी सरकार के समय दार्जिलिंग गोरखा पार्वत्य परिषद के त्रिपक्षीय समझौता हुआ था। उसके बाद 2007 में बिमल गुरुंग ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा बनाकर आंदोलन शुरू किया और 2011 में केंद्र की कांग्रेस गठबंधन सरकार ने ही गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन के लिए त्रिपक्षीय समझौता किया। इसके अलावा, 1992 में भी केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार के समय ही नेपाली भाषा को संवैधानिक मान्यता मिली थी। वहीं, भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा-पत्र में किए वादे के बावजूद पिछले 15 वर्षों से गोरखाओं को गुमराह कर वोट लेने का ही काम किया है।
हाम्रो पार्टी अध्यक्ष ने आगे कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग पहाड़ और गोरखाओं की लंबे समय से चली आ रही समस्या का स्थायी राजनीतिक समाधान खोजने का लिखित वादा किया गया था, लेकिन यह आज तक पूरा नहीं हुआ है।
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