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विजिलेंस ने State Bank of Sikkim के पांच अधिकारियों के घर पर की छापेमारी

धोखाधड़ी के आरोपों में दो अधिकारी गिरफ्तार

गंगटोक । सिक्किम सतर्कता पुलिस ने आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, गबन और जालसाजी के आरोप में स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम (SBS) के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारियों के साथ ही एसबीएस के पांच अधिकारियों के गंगटोक और सांग स्थित आवासों और कार्यालयों की तलाशी भी ली गई।

मामला धोखाधड़ी से छह डिमांड ड्राफ्ट जमा करने का है, जिनकी कुल राशि लगभग 30 लाख रुपये है, जिन्हें इच्छित सरकारी खाते के बजाय व्यक्तिगत खातों में जमा किया गया था। भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम द्वारा जारी किए गए ये ड्राफ्ट सिक्किम सरकार के पेंशन विभाग के लेखा अधिकारी के लिए थे, जो मृतक पेंशनभोगियों को पेंशन के अधिक भुगतान के लिए रिफंड के रूप में थे।

जांच में एक जटिल योजना का पता चला, जिसमें आरोपी अधिकारियों ने कथित तौर पर इन ड्राफ्ट को अपने व्यक्तिगत खातों में जमा किया और कुछ ही दिनों में धनराशि निकाल ली। चौंकाने वाली बात यह है कि ड्राफ्ट में से एक मार्च 2024 में एक महिला ग्राहक के खाते में जमा किया गया था, जिसकी जनवरी 2017 में मृत्यु हो गई थी। यह मृतक ग्राहक कथित तौर पर एसबीएस अधिकारी की मां थी, और उसकी मृत्यु के बावजूद उसका खाता सक्रिय रहा। पेंशन विभाग की शिकायत के बाद सतर्कता पुलिस ने जांच शुरू की। कार्रवाई के दौरान, अधिकारियों ने बैंक पासबुक, पासपोर्ट और कई लाख रुपये की सावधि जमा रसीदों सहित आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए।

इस संबंध में एक विज्ञप्ति जारी कर विजिलेंस विभाग ने बताया है कि इन अधिकारियों ने पिछले 5-6 वर्षों में विभिन्न एसबीएस ग्राहकों से अपने-अपने खातों में बड़ी मात्रा में रिश्वत राशि प्राप्त की थी। आरोपी बैंक अधिकारियों में से एक ने कथित तौर पर कई ग्राहकों से एक करोड़ रुपये से अधिक की रिश्वत ली थी। इस अनोखे तरीके में ग्राहकों को समय-समय पर उनके संबंधित बैंक खातों में लाखों रुपये ट्रांसफर करने का निर्देश देकर रिश्वत मांगना और स्वीकार करना शामिल था।

अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, रिश्वतखोरी के आरोपी सभी पांचों स्टेट बैंक ऑफ सिक्किम के वरिष्ठ अधिकारियों के यहां छापेमारी में अभी तक 2 करोड़ 62 लाख 76 हजार 500 रुपये की रिश्वतखोरी का पता चला है। यह रिश्वत वर्ष 2017 से 23 के बीच ली गई थी। आरोपी सभी कर्मचारी सहायक प्रबंधक के ऊपर के पद पर थे। इनमें से दो अधिकारी गंगटोक मुख्यालय में पदस्थापित थे, जबकि अन्य तीनों लाल बाजार, पाकिम और जोरथांग शाखाओं से थे।

यह छापेमारी छह माइल, तादोंग और गंगटोक के अलावा पाकिम और सोमबारिया में की गई और जोरथांग में एक घर को सील कर दिया गया है। मामले में सिक्किम विजिलेंस थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 120 (बी) के तहत पांच मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें आपराधिक साजिश में शामिल होने, धारा 420 के तहत धोखाधड़ी करने और इस तरह से धोखा देने वाले व्यक्ति को किसी भी व्यक्ति को कोई संपत्ति देने, या किसी मूल्यवान सुरक्षा के पूरे या किसी हिस्से को बनाने, बदलने या नष्ट करने के लिए प्रेरित करने का अपराध शामिल है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (1988) की धारा 7 (ए), 8 और 12 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, मामले में अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है और इसकी जांच चल रही है।

बताया गया है कि आरोपी एक बैंक अधिकारी के यहां सबसे अधिक 1.67 करोड़ रुपए की रिश्वत राशि पकड़ी गई है, जबकि अन्य कर्मचारियों ने 47 लाख 17 हजार रुपए, 22 लाख 10 हजार रुपए, 13 लाख 6 हजार रुपए और 12 लाख 80 हजार रुपए एकत्र किए।

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