गंगटोक, 18 सितम्बर । सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की नारी मोर्चा ने आज सिंगताम के गोलिटार में राज्य स्तरीय तीज उत्सव का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) उपस्थित रहे। राज्य स्तरीय कार्यक्रम में राज्य के सभी छह जिलों के लिए तीज त्योहार पर आधारित नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। आज छह जिलों की नृत्य टीमों ने प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री Golay ने कहा कि हिंदू महिलाएं तीज को एक महान त्योहार के रूप में मनाती रही हैं। उन्होंने बताया कि तीज का महत्व प्राचीन काल से ही बताया जाता रहा है और आज भी वैसा ही है तथा यह त्यौहार पति-पत्नी तथा परिवार के बीच संबंधों को मजबूत करता है। मुख्यमंत्री ने बताया कि एसकेएम पार्टी के सरकार में आने के बाद सरकार विभिन्न समुदायों के त्योहारों को एक समुदाय के रूप में मनाने की कोशिश कर रही है और आज का कार्यक्रम इसका उदाहरण है। इस तरह सभी समुदायों के त्योहारों को एक साथ मनाना एक बदलाव है। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री चामलिंग ने कई वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद राज्य की सभी जातियों को एकजुट करने का प्रयास नहीं किया। कई लोग सवाल कर रहे हैं कि एसकेएम सरकार ने क्या बदलाव किया है, लेकिन बदलाव का अनुभव किया जा सकता है और बदलाव को केवल आंखों से देखा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने ऐसा माहौल बना दिया है कि जातियों के त्योहार खुले तौर पर यानी स्वतंत्र रूप से मनाए जाते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि लोगों को यह महसूस कराने के लिए कि यह सिक्किम का त्योहार है, तीज को राज्य स्तर पर मनाया गया है। उन्होंने हमसे कहा कि अगर हम सिक्किम में एकजुट रहेंगे तो कोई भी हम पर अतिक्रमण नहीं कर सकेगा, लेकिन अगर हमारे बीच बंटवारा हुआ तो बाहरी लोग इसका फायदा उठायेंगे। उन्होंने कहा, हम राजनीतिक फायदे के लिए किसी में फूट नहीं डालेंगे। उन्होंने आग्रह किया कि आज एसकेएम सरकार सभी जातियों के लिए है और किसी को भी असुरक्षित महसूस नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सिक्किम विधानसभा में गुरुंग और प्रधान जाति का कोई प्रतिनिधि नहीं है, लेकिन पूरी सरकार उनकी प्रतिनिधि है। पिछली सरकार में राजनीति करने के लिए जातियों को लड़ाने की परंपरा थी, लेकिन अब वह परंपरा समाप्त हो गई है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि 2024 में सिक्किम विधानसभा में सभी का प्रतिनिधित्व हो।
उन्होंने संदर्भ बदलते हुए कहा कि महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। उन्होंने कहा कि अब महिलाएं हर क्षेत्र में आगे हैं। वर्तमान परिप्रेक्ष्य में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल 100 में 70 प्रतिशत महिलाओं ने मेडिकल परीक्षा उत्तीर्ण की है और उन्हें डॉक्टर के रूप में अध्ययन करने का अवसर मिला। उन्होंने आह्वान किया कि महिलाओं को संतरे की तरह नहीं बल्कि खरबूजे की तरह होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि महिलाओं को न केवल आरक्षण पर निर्भर रहना चाहिए बल्कि नीतियां बनानी चाहिए और शत प्रतिशत प्रतिस्पर्धा करनी चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने पुलिस नियुक्तियों में महिलाओं के लिए 50 फीसदी सीटें आरक्षित करने की घोषणा की। उनके मुताबिक 852 पुलिसकर्मियों की नियुक्ति की जाएगी, जिसमें पचास फीसदी महिलाओं को मौका दिया जाएगा। मुख्यमंत्री तमांग ने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक ग्राम पंचायत इकाई से एक व्यक्ति को श्रवण कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह पुरस्कार महिला और पुरुष दोनों को दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि माता-पिता को वृद्धाश्रम में रखने की प्रथा को खत्म करने के उद्देश्य से इस प्रकार की योजना शुरू की गई है। उन्होंने मौजूदा सरकार पर सिर्फ घोषणाएं करने के विपक्षी दलों के आरोपों का जोरदार खंडन किया और बताया कि सरकार बजट रखने के बाद ही घोषणाएं कर रही है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने केवल शिलान्यास किया, योजनाओं के लिए कभी धन जारी नहीं किया गया। इसलिए पिछली सभी परियोजनाएं अधर में लटकी रहीं। उन्होंने कहा, जब तक जनता मुझे बाहर नहीं निकाल देती, विपक्षी दल कितना भी चिल्ला ले, कुछ नहीं होने वाला है।
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