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दार्जिलिंग में त्रिकोणीय मुकाबला के बन रहे आसार

मुनीश तमांग हो सकते हैं कांग्रेस के उम्‍मीदवार

दार्जिलिंग । लोकसभा चुनाव की सूची के बाद अब आगामी 26 अप्रैल को दूसरे चरण में दार्जिलिंग सीट के लिए मतदान होने वाला है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियों के चुनावी समीकरण को देखते हुए यहां चुनाव काफी दिलचस्प होता जा रहा है।

गौरतलब है कि हाम्रो पार्टी अध्यक्ष अजय एडवर्ड्स के अनुमोदन के बाद मुनीश तमांग कांग्रेस में शामिल हो गए हैं और अब उनके कांग्रेस उम्मीदवार बनने की प्रबल संभावना है। वहीं, अजय एडवर्ड्स की हाम्रो पार्टी इंडिया अलायंस में शामिल हुई है। उन्होंने घोषणा की है कि उनकी पार्टी इस चुनाव में दार्जिलिंग, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम के साथ-साथ अन्य गोरखा बहुल इलाकों में इंडिया अलायंस के उम्मीदवारों का समर्थन करेगी। इसके बाद यह लगभग साफ हो गया है कि कांग्रेस मुनीश तमांग को दार्जिलिंग लोकसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाएगी।

वहीं, अगर मुनीश कांग्रेस उम्मीदवार होते हैं तो दार्जिलिंग लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होना तय है। हालांकि, इस बात की प्रबल संभावना है कि कोई निर्दलीय उम्मीदवार भी सामने आएगा। इसमें एडवोकेट बंदना राई का नाम सबसे पहले है। बंदना राई खास तौर पर चाय श्रमिकों के लिए काम करती हैं और उन्होंने कोरोना काल में रोजगार खोने वाले चाय श्रमिकों के लिए न्यायिक कार्य कर रही हैं। यही कारण है कि दार्जिलिंग पहाड़ के कुछ चाय बगानों में उनके कई समर्थक हैं।

इसी बीच, दार्जिलिंग के मौजूदा सांसद राजू बिष्ट को बिमल गुरुंग के साथ समर्थन मिलने की उम्मीद है। ऐसे में इस बार दार्जिलिंग संसदीय सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। एक तरफ भारतीय गोरखा प्रजातांत्रिक मोर्चा ने तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार गोपाल लामा के पक्ष में जोड़-तोड़ चुनाव अभियान शुरू कर दिया है, वहीं भाजपा विभिन्न पार्टियों और संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ गुप्त बैठकें कर उनका समर्थन जुटाने की कोशिश कर रही है।

बहरहाल, मुनीश तमांग के कांग्रेस में शामिल होने और उनके कांग्रेस उम्मीदवार बनाए जाने की संभावना के बाद हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए और पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के महासचिव विनय तमांग नाराज हो गए हैं। वह मुनीश तमांग की उम्मीदवारी का विरोध कर रहे हैं। तमांग का कहना है कि वह कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में डॉ मुनीश तमांग का समर्थन नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, मुझे नहीं पता कि उत्तर बंगाल के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं कल की घटना को किस तरह से देखते हैं, लेकिन एक उम्मीदवार के रूप में डॉ. मुनीश तमांग और उनके साथी अजय एडवर्ड्स को मेरा समर्थन नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के एक-दो नेता जो पर्यटक होने के बावजूद आज तक दार्जिलिंग और उत्तर बंगाल नहीं आए, उन्होंने कांग्रेस आलाकमान और केंद्रीय चुनाव समिति को ऐसा सुझाव कैसे दे दिया। उन्होंने यह भी कहा है कि वह जिला कमिटी और प्रदेश कांग्रेस कमिटी से सलाह किये बिना लिये गये ऐसे फैसले का खंडन करेंगे। ऐसे में किसे फायदा होगा और किसे नुकसान, ये आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा।

#anugamini #sikkim

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