गंगटोक : सिक्किम राज्य ने 10 अगस्त को अब एक नए ऐतिहासिक दिन के रूप में मान्यता दी है। Prem Singh Tamang-Golay ने रविवार को रंगपो मैदान में आयोजित पहले आमा सम्मान दिवस के अवसर पर इस दिन को प्रतिवर्ष माताओं को समर्पित करने की औपचारिक घोषणा की। यह दिन अब सिक्किम में मातृत्व, त्याग और संघर्ष के प्रतीक के रूप में मनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री गोले ने इसे केवल एक राजकीय आयोजन नहीं, बल्कि अपने जीवन और राजनीतिक यात्रा का एक भावनात्मक अध्याय बताया। यह दिन उनके जन उन्मुक्ति दिवस उस दिन की स्मृति में भी जुड़ा है जब वे एक अन्यायपूर्ण जेल से रिहा हुए थे। उन्होंने कहा कि अब हर साल 10 अगस्त को इन दोनों अवसरों को एक साथ मनाया जाएगा। मुख्यमंत्री गोले ने अपने संबोधन में कहा कि माताएं हमेशा कठिन समय में क्रांतिकारी साथियों के कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहीं हैं। उनका संघर्ष और बलिदान किसी भी आंदोलन से कम नहीं है।
उन्होंने बताया कि जब वे जेल में थे, तब अधिकांश मिलने आने वाली माताएं ही थीं। वे कभी डांटतीं, कभी सलाह देतीं और अक्सर रोतीं थीं। लेकिन हर बार मुझे लड़ाई जारी रखने का संबल देती थीं। मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि उनकी पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) की संघर्ष यात्रा में माताओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का उदय माताओं की सहनशक्ति और समर्थन से ही संभव हो पाया। वे हमारी सामाजिक और राजनीतिक ताकत की नींव हैं।
इस आयोजन में राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारी एवं विभागों की सहभागिता रही, जिनमें मुख्य सचिव एआर तेलंग, महिला एवं बाल विकास विभाग, वरिष्ठ नागरिक विकास विभाग और स्थानीय कल्याण कार्यकर्ता शामिल थे। मुख्यमंत्री ने आमजन से भी आग्रह किया कि वे हर वर्ष कम से कम एक दिन अपने माता-पिता को समर्पित करें। मुख्यमंत्री गोले ने यह भी घोषणा की कि वर्ष 2026 में नवम जन उन्मुक्ति दिवस और द्वितीय आमा सम्मान दिवस को एक साथ भव्य रूप से मनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत इस दिन को मिटा नहीं सकती। यह इतिहास में हमारी पार्टी द्वारा स्थापित एक प्रेरणादायी उदाहरण रहेगा। इस अभिनव पहल के माध्यम से सिक्किम सरकार ने माताओं को समाज के केंद्र में लाने का जो संकल्प लिया है, वह न केवल राज्य में सांस्कृतिक चेतना को मजबूती देगा, बल्कि पूरे देश के लिए एक मिसाल बनेगा।
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