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समाज की प्रगति शिक्षकों के समर्पण और प्रतिबद्धता में निहित होती है : Prem Singh Tamang

गंगटोक । मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने आज मनन केंद्र में राज्यस्तरीय शिक्षक दिवस समारोह में भाग लिया। इस कार्यक्रम में श्रीमती कृष्णा राई, विधानसभा अध्‍यक्ष, उपाध्‍यक्ष, कैबिनेट मंत्री, विधायक-सह-सलाहकार, विभिन्न विभागों के अधिकारी, शिक्षण बिरादरी के सदस्य और विभिन्न स्कूलों और संस्थानों के छात्र भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम की शुरुआत मुख्यमंत्री द्वारा डीआईईटी, गंगटोक द्वारा आयोजित शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) और खिलौना प्रदर्शनी के अवलोकन के साथ हुई। प्रदर्शनी में विभिन्न विषयों जैसे मॉडल ईसीसीई कक्षा, कठपुतली शो, स्वदेशी खिलौने, खेल, आईसीटी और स्थानीय भाषा, साक्षरता, अंकगणित और विशेष देखभाल वाले बच्चे (सीडब्ल्यूएसएन) को प्रदर्शित किया गया, जिसके बाद दीप प्रज्ज्वलन और डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण किया गया।

उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री Prem Singh Tamang (Golay) ने अपने भाषण की शुरुआत प्रख्यात दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि अर्पित करके की, जिनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। उन्होंने शिक्षक समुदाय को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं तथा युवा मस्तिष्कों को आकार देने तथा राज्य के बौद्धिक विकास को बढ़ावा देने में उनके अमूल्य योगदान को स्वीकार किया। उन्होंने सामाजिक उन्नति के आधार के रूप में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया तथा इस बात पर बल दिया कि किसी भी समाज की प्रगति उसके शिक्षकों के समर्पण और प्रतिबद्धता से अंतर्निहित रूप से जुड़ी हुई है।

उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में परिवर्तन लाने के लिए राज्य सरकार की अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, चुनौतियों का समाधान करने और सिक्किम के छात्रों के लिए उज्जवल, अधिक समृद्ध भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने के उद्देश्य से व्यापक पहलों की एक श्रृंखला का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 और प्राकृतिक आपदा (2023) जैसी चुनौतियों के बावजूद शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने को लगातार प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि इन कठिनाइयों के बावजूद शिक्षा को कभी नजरअंदाज नहीं किया गया। सरकार ने विभिन्न माध्यमों से शिक्षा तक पहुंच को सुगम बनाया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि ग्रिड से दूर क्षेत्रों को भी आवश्यक सहायता प्राप्त हो सके।

उन्होंने कहा कि शिक्षकों के समर्पण को मान्यता देते हुए आठ वर्ष से अधिक सेवा दे चुके शिक्षकों को नियमित किया गया है, जिससे उन्हें दूरदराज के क्षेत्रों में अपना अमूल्य कार्य जारी रखने का अवसर मिलेगा। शिक्षक अपने शिक्षण और मार्गदर्शन के माध्यम से छात्रों को सही दिशा में मार्गदर्शन करके ‘सुनौलो अनी समृद्ध सिक्किम, समर्थ सिक्किम’ में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सम्मानित किया गया, उन्हें जाति या धर्म की परवाह किए बिना योग्यता के आधार पर सम्मानित किया गया, क्योंकि समाज को विभाजन से मुक्त होकर एकजुट होकर प्रगति करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि आज की प्रौद्योगिकी-चालित दुनिया में निरंतर ज्ञान अर्जित करना आवश्यक है और शिक्षा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि विद्यार्थी जीवन स्वर्णिम काल है, जहां भविष्य की नींव रखी जाती है। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों से अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रयास करने का आग्रह किया तथा भविष्य को आकार देने में उनकी भूमिका के महत्व पर बल दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अनेक योजनाएं शुरू की हैं। इसी तरह, गेजिंग कॉलेज को भी नया बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराया गया है।

उन्होंने बताया कि बर्तुक कॉलेज, जो वर्तमान में प्रेस कैम्पस का उपयोग कर रहा है, के लिए सरकार बुनियादी ढांचे के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। सभी जिलों में एक मॉडल स्कूल को गोद लिया गया है, और मुख्यमंत्री मेरिट छात्रवृत्ति के तहत कई छात्र वर्तमान में अध्ययन कर रहे हैं। उन्होंने आगे बताया कि जिला स्तर पर आदर्श स्कूलों की स्थापना के बाद, राज्य अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित, उच्च स्तरीय शिक्षा प्रदान करने वाले राज्य स्तरीय आदर्श स्कूल शुरू करने की योजना बना रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमारा लक्ष्य सिक्किम को एक शैक्षिक केंद्र बनाना है, जो अपने उपयुक्त मौसम और निरंतर विकास प्रयासों का लाभ उठाते हुए देश के अन्य प्रतिष्ठित स्कूलों के बराबर होगा।

उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों और कॉलेजों को एम्बुलेंस और चिकित्सा कर्मी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भानी योजना के तहत बेटियों के लिए सहायता जल्द ही कॉलेज स्तर तक बढ़ा दी जाएगी। आने वाले वर्षों में एक मेडिकल कॉलेज विकसित करने की योजना भी पाइप लाइन में है। उन्होंने कहा कि भाषा शिक्षा के संदर्भ में संस्कृत अध्यापकों की नियुक्ति और नियमितीकरण किया गया है। आवश्यक मानदंडों को पूरा करने वाले सभी शिक्षकों को नियमित कर दिया गया है तथा अब पदोन्नति योग्यता के आधार पर की जा रही है, प्राथमिक शिक्षकों (पीआरटी) को स्नातक शिक्षकों (जीआरटी) के रूप में पदोन्नत किया जा रहा है।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि शिक्षकों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रशिक्षण सुविधाओं को उन्नत किया गया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हों। सरकार जनता और शिक्षकों को यह बताना चाहती है कि गांवों या दूरदराज के जिलों में तैनात शिक्षकों को स्थानांतरण की मांग करने के बजाय, अपने निर्धारित स्थान पर ही बने रहने और स्थानीय शिक्षा प्रणाली में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। उन्होंने शिक्षकों से सरकार की परिवर्तनकारी पहलों में सक्रिय रूप से शामिल होने का आग्रह किया तथा इस बात पर बल दिया कि सार्थक परिवर्तन एक सामूहिक प्रयास है।

अपने संबोधन के दौरान मुख्यमंत्री ने शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्टता को मान्यता देने और पुरस्कृत करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। उन्होंने बताया कि सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले प्रधानाचार्य को उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और योगदान की सराहना करते हुए बोलेरो वाहन देकर सम्मानित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों को विदेश यात्रा की पेशकश की जाएगी, जबकि राज्य पुरस्कार विजेताओं को भारत में ही ऐसा ही अवसर मिलेगा। उन्होंने दो महत्वपूर्ण फेलोशिप पहलों के बारे में भी बात की: अपतन फेलोशिप योजना और नर बहादुर भंडारी फेलोशिप योजना, जो शैक्षणिक प्रतिभा को समर्थन और पोषण देने के लिए बनाई गई हैं।

मुख्यमंत्री ने छात्र कल्याण बोर्ड की भूमिका का उल्लेख करते हुए छात्र समर्थन के महत्व पर जोर दिया, जो पूरे क्षेत्र में छात्रों की भलाई और विकास सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। एक छात्र और शिक्षक के रूप में अपने अनुभवों पर विचार करते हुए उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई दी तथा भविष्य में उनके निरंतर सफलता के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि समय प्रबंधन ही कुंजी है। चाहे आप कितनी भी मेहनत करें, केवल सच्ची मेहनत ही फल देगी। कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से सब कुछ संभव है। शिक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले लोगों के महान प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि सरकार चुनौतियों का समाधान करने तथा सभी हितधारकों की आवश्यकताओं और अपेक्षाओं को प्रभावी ढंग से पूरा करने के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण अपनाएगी। अंत में, उन्होंने विभाग को उसकी पहलों के लिए धन्यवाद दिया, जो शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने तथा शिक्षकों और छात्रों दोनों को उनके शैक्षणिक प्रयासों में सहायता देने के लिए सरकार की सतत प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

शिक्षा मंत्री राजू बस्‍नेत ने अपने संक्षिप्त संबोधन में डॉ एस राधाकृष्णन जैसी विभूतियों की स्थायी विरासत का हवाला दिया। उन्होंने शिक्षकों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से राज्य द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में बताया, जिनमें व्यावसायिक विकास कार्यक्रम, आवश्यक संसाधनों तक पहुंच और शिक्षा में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मान्यता शामिल है। उन्होंने राज्य भर में शैक्षिक बुनियादी ढांचे में सुधार और शैक्षिक मानकों को बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया और इस बात पर प्रकाश डाला कि कंचनजंगा राज्य विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शीघ्र पूरा होने वाला है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को पुस्तकें, यूनिफॉर्म और मध्याह्न भोजन जैसे आवश्यक संसाधनों से सुसज्जित किया जा रहा है।

उन्होंने शिक्षा के प्रति बाल-केन्द्रित दृष्टिकोण अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षक नेतृत्वकर्ता और आदर्श व्यक्ति के रूप में कार्य करते हैं तथा विद्यार्थियों को प्रगति के लिए प्रेरित करना उनकी जिम्मेदारी है। उन्होंने शिक्षकों से छात्रों पर व्यक्तिगत ध्यान देने का आग्रह किया तथा कम नामांकन दर और शिक्षक-छात्र अनुपात पर ध्यान देने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि प्रभारी लोगों के लिए यह अपने नेतृत्व का प्रदर्शन करने तथा क्षमता के साथ नेतृत्व करने का अवसर है। मंत्री ने नई शिक्षा नीति (एनईपी) को लागू करने के महत्व पर भी चर्चा की और बहु-विषयक कॉलेजों की आवश्यकता, आगामी पृथक्करण प्रक्रिया और छात्रों के लिए बहु-प्रवेश विकल्पों के प्रावधान की ओर इशारा किया। उन्होंने मुख्यमंत्री के मेंटरशिप कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी विद्यार्थी दसवीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा में अनुत्तीर्ण न हो तथा उपस्थिति ट्रैकिंग, एमआईएस पोर्टल के माध्यम से रिपोर्ट कार्ड तैयार करने तथा विशेष संख्यात्मकता कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार (एनएटी), 2023 के प्राप्तकर्ताओं को नकद पुरस्कार प्रदान करना भी शामिल था।

सरकारी एसएसएस, सोरेंग के प्रिंसिपल डॉ. पूर्ण बहादुर छेत्री को 1 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। इस अवसर पर, सभी छह जिलों के शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों/प्रधानाध्यापिकाओं को राज्य पुरस्कार 2024 के साथ-साथ 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। पुरस्कार ग्रहण करने वालों में धन कुमार गुरुंग (रामीधाम, सोरेंग), महेंद्र डोंग (चाकुंग), श्रीमती तिलरूपा ढकाल, (सिन्ड्रोंग, गेजिंग), दल बहादुर थापा (धारगांव, नामची), दीपक कुमार शर्मा (रातेपानी पासी, नामची), श्रीमती डॉकिट भूटिया (सिंघिक, मंगन), श्रीमती धन कुमारी प्रधान (चनाटार, पाकिम), टेक नाथ पौडयाल (रेनॉक बाजार, पाकयोंग), श्रीमती चुमथी काजी, (मचेलखा, गंगटोक), राम छेत्री (गंगटोक)। इसके बाद शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र और 25,000 रुपये का नकद पुरस्कार भी प्रदान किया गया। इसमें सुश्री शर्मिला छेत्री (सोरेंग), मोती बहादुर सुब्बा (लुंगचोक, सोरेंग), सुश्री त्शेरिंग यांगचेन भूटिया, जीटी भूटिया (सोम्बारिया, सोरेंग), हेम राज गुरुंग (कलुक, सोरेंग), दिनेश शर्मा (तिजेक, गेजिंग), सुदीप सुब्बा (पेवथांग, गेजिंग), निरेन कुमार तमांग (केंगबारी, गेजिंग), धनपति शर्मा (नजूर बरफोक, गेजिंग), सुश्री चुमदेन भूटिया (टेमी टी गार्डन, नामची), दीपक गुरुंग (अपर बोरोंग, नामची), सुश्री फिप रानी सुब्बा (नंदुगांव, नामची), सुश्री फुरबा डोमा शेरपा (मंगब्रू, नामची), सुश्री रितु राई (नामची, नामची), भीम प्रसाद शर्मा (नामची), सुश्री नामगे डोमा भूटिया (फोडोंग गुम्पा, मंगन), चेवांग चोपेल लाचुंगपा (शिपथांग, मंगन), थेंडुप छिरिंग लेप्चा (मंगन), कर्मा लोदी भूटिया (लिंग्ज़ी, पाकयोंग), सुश्री मीना कुमारी छेत्री (अंकुचेन, पाकयोंग), नेत्र प्रसाद शर्मा (दलापचंद, पाकयोंग), सुदर्शन खातीवाड़ा (कामरे, पाकिम), सोनम नेडुप भूटिया (गंगटोक), रोहित कुमार गौतम शर्मा (सैमडोंग, गंगटोक), सुश्री कबिता भुसल (सिंगतम एसएसएस, गंगटोक), सुश्री ओंगमु लेप्चा (देवराली), उमापति ढकाल (रे मिंडू, गंगटोक) शामिल हैं। इसके बाद मॉडर्न सीनियर सेकेंडरी स्कूल की श्रीमती यांकिला लामा को भी प्रमाण पत्र प्रदान किया गया, जिन्हें प्रतिष्ठित राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 के लिए चुना गया है।

कार्यक्रम में सीबीएसई के टॉपर स्कूलों के प्रधानाचार्यों को स्मृति चिन्ह भी प्रदान किए गए। पीएमश्री समदोंग सीनियर सेकेंडरी स्कूल, वाणिज्य कक्षा 12, ममरिंग सीनियर सेकेंडरी स्कूल आईटी, कक्षा 12, पीएमश्री लिंगमो, कोलथांग सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विज्ञान कक्षा 12, पीएमश्री सदाम एसएसएस, कला, कक्षा 12, पीएमश्री रंगपो एसएसएस, कक्षा 10 के टॉपर के लिए। इसके बाद, राज्य पुरस्कार विजेता शिक्षक 2023 द्वारा मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) को प्रशंसा चिह्न भेंट किया गया। इसी तरह, सिक्किम शिक्षक संघ (एसटीए) ने भी राज्य के मुख्यमंत्री को आभार प्रकट किया। साहित्यिक प्रमाण पत्र मुख्य अतिथि द्वारा श्रीमती मीना हंगमा लिम्बो, 62 वर्ष, सोरेंग, श्रीमती मीना तमांग, 61 वर्ष, गंगटोक और सुश्री नोर्कित लेप्चा, 38 वर्ष, मंगन को सौंपे गए। समारोह के दौरान मुख्य अतिथि द्वारा बोर्ड परीक्षा के लिए मुख्यमंत्री मेंटरशिप कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस पर एक गाइडबुक भी जारी की गई। मुख्य अतिथि द्वारा बलुवाखानी में श्री सत्य साईं सेवा मंदिर के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये का चेक श्री सत्य साईं समिति के सदस्य को सौंपा गया। राज्य पुरस्कार विजेता सुश्री रमा छेत्री ने राज्य एवं प्रशस्ति पुरस्कार विजेताओं की ओर से सिक्किम के मुख्यमंत्री से राज्य पुरस्कार प्राप्त करने पर हार्दिक आभार व्यक्त किया। अपने संबोधन में उन्होंने शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को स्वीकार किया तथा भविष्य को आकार देने में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।

उन्होंने इस प्रकार के सम्मान के साथ आने वाली गहन जिम्मेदारी को रेखांकित किया तथा उनसे अपेक्षित मानकों को कायम रखने का संकल्प लिया। उन्होंने शिक्षा विभाग को गुणवत्तापूर्ण विद्यार्थियों के विकास के लिए सामूहिक समर्पण का आश्वासन दिया, जिनका विकास और उत्कृष्टता राष्ट्र की प्रगति के लिए सर्वोपरि है।कार्यक्रम को एसटीए अध्यक्ष कुंजांग शेरपा ने भी संबोधित किया।

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