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एसकेएम सरकार बताए लिम्बू-तमांग सीट आरक्षण का फार्मूला : रॉबिन तमांग

गंगटोक । सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (SDF) के उपाध्यक्ष (युवा प्रभारी) वेस्ट रॉबिन तमांग ने पिछले पांच वर्षों में राज्य विधानसभा में लिम्बू-तमांग के लिए सीटें आरक्षित करने में विफल रहने पर सत्तारूढ़ सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी पर हमला बोला। उन्होंने सत्तारूढ़ दल को मौजूदा 32 सीटों में से सीट आरक्षण के लिए अपना फॉर्मूला बताने की चुनौती दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवल एसडीएफ पार्टी ही सिक्किम के सभी समुदायों को न्याय प्रदान करके अपने 40 सीटों के फॉर्मूले से लिम्बू-तमांग के लिए सीटें आरक्षित कर सकती है।

मंगलवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बोलते हुए रॉबिन तमांग ने कहा कि एसडीएफ सरकार ने लिम्बू-तमांग को आदिवासी दर्जा प्रदान किया था और एसडीएफ सरकार ने केंद्र में कई अभ्यावेदन पेश करके लिम्बू-तमांग के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए तुरंत काम शुरू कर दिया था। हालांकि, उन्होंने बताया कि 2006 में जब तत्कालीन बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर किया था तो मामला विचाराधीन हो गया था और पूरी प्रक्रिया 10 साल तक रुकी रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि एसडीएफ सरकार ने 2016 में लिम्बू-तमांग के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए फिर से काम करना शुरू कर दिया था और प्रक्रिया अंतिम क्षण में थी, विपक्ष में एसकेएम पार्टी ने अपने कुछ सदस्यों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में मामला दायर करने के बाद सीट आरक्षण को रोकने की साजिश रची थी। और मामला फिर से विचाराधीन हो गया। उन्होंने आरोप लगाया कि लिम्बू-तमांग 2019 से पहले फिर से अपनी सीट पाने से वंचित रह गये।

उन्होंने आरोप लगाया कि एसकेएम पार्टी ने लिम्बू-तमांग के लिए सीट आरक्षण को रोकने की साजिश रची है अन्यथा वह 2019 में सरकार नहीं बना सकेगी। उन्होंने कहा कि संघ विधायक सोनम लामा ने सरकार बनने के 10 दिनों के भीतर सीटें देने का वादा किया था, लेकिन इसके बाद भी इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई। उन्होंने बताया कि तत्कालीन एसकेएम विधायक केएन लेप्चा ने सदन की मौजूदा 32 सीटों में से लिम्बू-तमांग के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए राज्य विधानसभा में निजी विधेयक भी रखा था। हालांकि, उन्होंने कहा, सत्तारूढ़ दल मौजूदा 32 सीटों में से सीट आरक्षण के अपने फॉर्मूले का खुलासा करने में विफल रहा है।

रॉबिन तमांग ने कहा कि सीट आरक्षण के लिए 40 सीटों का फॉर्मूला एसडीएफ पार्टी का रुख था और जब एसडीएफ सरकार ने 2008 में बर्मन आयोग की रिपोर्ट के आधार पर 40 सीटों का फॉर्मूला पारित किया था, तब प्रेम सिंह तमांग (गोले) कैबिनेट मंत्री थे। उन्होंने सवाल किया कि सीएम गोले ने उस समय एक शब्द भी क्यों नहीं बोला था। उन्होंने आगे सीएम गोले पर इस मामले पर दोयम दर्जे की राजनीति करने और केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए लिम्बू-तमांग लोगों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने अपने समुदाय को धोखा देकर अपनी सीट सुरक्षित की है और लोकसभा सांसद इंद्र हांग सुब्बा ने अपने समुदाय के भविष्य को खतरे में डालकर अपना भविष्य सुरक्षित किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एसडीएफ सिक्किम के सभी समुदायों को न्याय दिलाकर ही 40 सीटों के फॉर्मूले से लिम्बू-तमांग को सीटें दे सकती है।

एसडीएफ सरकार पर सीएम के इस आरोप पर मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कि 2006 के परिसीमन प्रक्रिया के दौरान लिम्बू-तमांग के लिए सीटें आरक्षित की जा सकती हैं, एसडीएफ प्रवक्ता अरुण लिम्बू ने जवाब दिया कि एसडीएफ सरकार ने 12 सदस्यीय परिसीमन समिति का गठन किया था और प्रेम सिंह तमांग (गोले) भी इसमें सदस्‍य थे। इसलिए अब एसडीएफ सरकार पर आरोप लगाना मतलब खुद पर उंगली उठाना था। उन्होंने आगे आरोप लगाया कि सीएम को लिम्बू-तमांग समुदाय के लिए कोई दिलचस्पी नहीं है, बल्कि वह केवल अपनी सीट सुरक्षित करना चाहते हैं।

एक अन्य प्रश्न पर रॉबिन तमांग ने कहा कि आगामी 2026 परिसीमन प्रक्रिया सिक्किम के लोगों के लिए बहुत संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण है, इसलिए यदि 2024 के चुनाव में एक अच्छी सरकार नहीं बनेगी तो सिक्किम के लोगों का भविष्य खतरे में है।

#anugamini #sikkim

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