अब हम भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे : थापा
सभी 32 विधानसभा व एक लोकसभा सीट पर अकेले चुनाव लड़ेगी भाजपा
गंगटोक । सिक्किम प्रदेश भाजपा ने शनिवार को राज्य में सत्ताधारी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा पार्टी के साथ अपने गठबंधन के खत्म होने और एकमात्र लोकसभा तथा 32 विधानसभा सीटों के लिए अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा की है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डीआर थापा ने सोशल मीडिया पर इसकी घोषणा करते हुए कहा, सिक्किम में गठबंधन का अंत…, अब हम भ्रष्टाचार के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे।
एसकेएम के साथ गठबंधन समाप्ति को सिक्किम वासियों के हितों की सेवा करने का एक बड़ा अवसर बताते हुए थापा ने कहा कि इसके साथ ही सिक्किम में भ्रष्टाचार के खिलाफ स्वतंत्र कार्रवाई और राज्य के विकास हेतु एक नया युग शुरू हो गया है। उन्होंने शासन की पारदर्शिता और हिमालयी राज्य की प्रगति के लिए पार्टी के समर्पण को दोहराया।
इससे पहले, रंगपो में राज्य भाजपा इकाई के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली से लौटे प्रदेश नेताओं का गर्मजोशी से स्वागत किया, जहां वह सिक्किम में एसकेएम के साथ सीट बंटवारे के मुद्दे पर बातचीत करने गए थे। इसमें भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने एसकेएम अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग को भी आमंत्रित किया था।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, सिक्किम में राष्ट्रीय पार्टी के खिलाफ व्यापक भावनाओं को देखते हुए एसकेएम अध्यक्ष द्वारा भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन से इनकार करने के बाद दोनों पार्टियों के बीच बातचीत टूट गई। ऐसे में, भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने सिक्किम प्रदेश नेताओं को राज्य की 32 विधानसभा और एकमात्र लोकसभा सीटों के लिए तैयारी के साथ आगे बढ़ने की मंजूरी दे दी। अब भाजपा और एसकेएम दोनों एक-दो दिन में अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर सकते हैं। नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तारीख 27 मार्च को ही है। केंद्रीय नेताओं से बैठक के दौरान सिक्किम प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि राज्य इकाई अपने दम पर सभी 32 विधानसभा और एकमात्र लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उल्लेखनीय है कि एसकेएम और भाजपा ने 2019 विधानसभा चुनाव अकेले ही लड़ा था, जिसमें एसकेएम ने सरकार बनाने के लिए 17 सीटें जीती थीं, जबकि भाजपा को दो प्रतिशत से भी कम वोट मिले थे। हालांकि, चुनाव के बाद विपक्षी सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट में विभाजन होने से भाजपा के विधायकों की संख्या अचानक से बढक़र 10 हो गई और उसके बाद दोनों पार्टियों ने गठबंधन किया था। वहीं, एसडीएफ के दो अन्य बागी विधायकों के भी एसकेएम में शामिल हो जाने से उनके विधायकों की संख्या बढक़र 19 हो गई। इसके अलावा, भाजपा ने दो विधानसभा उपचुनावों में जीत हासिल कर अपनी सीटें 12 तक पहुंचा लीं। सिक्किम में अपने पदचिह्नों का और विस्तार करते हुए भाजपा ने एसकेएम से एकमात्र राज्यसभा सीट छीन ली और डीटी लेप्चा को अपने प्रतीक पर निर्वाचित कराया।
ऐसे में, जब इस साल जनवरी के दूसरे सप्ताह में उम्मीद की जा रही थी कि दोनों पार्टियां सिक्किम विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ लड़ेंगी, लेकिन एसकेएम नेतृत्व ने इससे किनारा कर लिया। एसकेएम को डर था कि एसडीएफ और सिटीजन एक्शन पार्टी जैसी विपक्षी पार्टियां राज्य को विशेष दर्जा दिलाने वाले संविधान के अनुच्छेद 371 (एफ) को कमजोर करने का आरोप लगाकर सिक्किम के लोगों की भावनाओं को भडक़ाकर फायदा उठा सकती हैं। बहरहाल, भाजपा के साथ गठबंधन टूटने पर एसकेएम की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है।
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