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सिक्किम सरकार शुरू करेगी दो आवासीय योजनाएं

मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया निर्णय

  • बाढ़ प्रभावितों को जल्‍द मुहैया कराया जाएगा आवास
  • तकनीकी टीम करेगी प्रभावित घरों का निरीक्षण
  • प्रभावितों को बरतन व अन्‍य जरूरी सामान भी कराया जाएगा मुहैया

गंगटोक, 18 अक्टूबर । राज्य में आई भीषण आपदा में बेघर हुए लोगों की सहायता के लिए सिक्किम सरकार ने दो नई आवास योजनाएं बनाकर प्रभावित परिवारों को आवास मुहैया कराने का फैसला किया है। सिक्किम पुनर्वास आवास योजना और सिक्किम जनता हाउसिंग कॉलोनी योजना नामक इन योजनाओं के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा 4100 घर तैयार किए जाएंगे। स्थानीय ताशीलिंग सचिवालय में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पेश किए गए हैँ। इसके लिए मंत्रिमंडल ने 881 करोड़ 91 लाख रुपये की प्रशासनिक मंजूरी और वित्तीय मंजूरी दी है। जानकारी के अनुसार इस बैठक के दौरान कुल 205 एजेंडों पर चर्चा के साथ कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

बैठक में राज्य कैबिनेट द्वारा तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़ के कारण जीवन, आजीविका और संपत्ति की बड़े पैमाने हुई अभूतपूर्व क्षति पर शोक व्यक्त करते हुए जरूरत की इस घड़ी में आमलोगों, केंद्र सरकार, अन्य राज्य सरकारों और संगठनों से मिले जबरदस्त समर्थन के प्रति आभार व्यक्त किया। साथ ही बैठक में यह संकल्प भी लिया गया कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार लोगों के साथ खड़ी है और प्रभावित लोगों को अपने जीवन और आजीविका का पुनर्निर्माण करने में सक्षम बनाने हेतु सभी सहायता सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। इस दौरान आपदा में जान गंवाने वाले लोगों की याद में दो मिनट का मौन भी रखा गया।

जानकारी के अनुसार, आपदा प्रभावितों के लिए कैबिनेट द्वारा गृहीत आवास योजनाओं के तहत सरकार द्वारा सिक्किम पुनर्वास आवास योजना में सुरक्षित और उपयुक्त स्थान पर 2100 घरों का निर्माण कर आपदा में पूरी तरह से बहे और गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त घरों के मालिकों को आवंटित किया जाएगा। इन घरों का निर्माण सरकारी भूमि या इस उद्देश्य के लिए दान या प्राप्त की गई भूमि पर किया जाएगा। वहीं, सिक्किम जनता हाउसिंग कॉलोनी योजना के तहत भी 2000 घरों का निर्माण कर आपदा में पूरी तरह बहे या गंभीर व आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के किरायेदारों का पुनर्वास किया जाएगा। इसमें किरायेदारों को किराये के आधार पर घर आवंटित किए जाएंगे। वहीं, आवंटन के बाद तीन वर्षों तक सरकार इसका कोई किराया नहीं लेगी। उसके बाद सरकार इन घरों का किराया निर्धारित करेगी। इसके अलावा, राहत शिविर में पीड़ितों को किराए के आवास में जाने और जल्द से जल्द सामान्य स्थिति में वापस आने में सक्षम बनाने हेतु सरकार तीन महीनों तक 5000 रुपए प्रति माह किराया देने पर भी विचार करेगी।

बैठक में यह भी बताया गया कि गंभीर व आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों का निरीक्षण एक तकनीकी टीम द्वारा किया जाएगा जो इन घरों की स्थिरता का आकलन करेगी और प्रमाणित करेगी कि ये घर रहने योग्य हैं या नहीं। वहीं, इन दोनों योजनाओं में पात्र होने के लिए लाभार्थियों के पास सिक्किम सब्जेक्ट प्रमाणपत्र, पहचान प्रमाणपत्र, राज्य में कहीं भी भूमि संपत्ति का पर्चा, मतदाता कार्ड या सिक्किम का आवासीय प्रमाणपत्र होना चाहिए। साथ ही, आपदा में जिन पीड़ितों ने ये दस्तावेज खो दिए हैं, उन्हें इन दस्तावेजों को फिर से जारी करने के लिए जिला कलेक्टर प्रभावित क्षेत्रों में शिविर लगाएंगे।

इसके अलावा, सरकार पीड़ितों को किराए के आवास में रहने में मदद करने के लिए जरूरी घरेलू सामान जैसे रसोई के बर्तन, गैस स्टोव, गैस सिलेंडर, गद्दे, कंबल और अन्य दैनिक घरेलू सामान भी प्रदान करेगी। वहीं, प्रभावित क्षेत्रों में मलबा और गंदगी हटाने के बाद भवन व आवास विभाग द्वारा क्षतिग्रस्त घरों का मुआयना कर यह सत्यापित किया जाएगा कि वे रहने लायक हैं या नहीं। इसी तरह, सड़क व पुल विभाग ग्रामीण विकास विभाग और सीमा सडक़ संगठन के साथ मिलकर आवश्यक मरम्मत कार्य करने के लिए बाढ़ प्रभावित पुलों की स्थिरता जानने के लिए अध्ययन करेगा।

राज्य कैबिनेट ने बाढ़ में अपना सारा सामान खोने वाले छात्रों की मदद हेतु भी प्रत्येक छात्र को 10000 रुपये की एकमुश्त अनुदान राशि देने का फैसला किया है। कैबिनेट ने एनडीएमए के परामर्श से देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की एक तकनीकी समिति गठित करने का भी निर्णय लिया है, जिसमें ग्लेशियोलॉजिस्ट, जियोलॉजिस्ट, सीस्मोलॉजिस्ट, हाइड्रोलॉजिस्ट आदि शामिल होंगे। यह समिति राज्य में हाल ही में आई आपदा के कारणों की जांच कर सरकार को आगे की कार्रवाई का सुझाव देगी।

इस दौरान, कैबिनेट ने मुख्य सचिव को तुरंत राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक बुला कर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में बैंकों द्वारा राहत उपायों पर आरबीआई के 17 अक्टूबर के सर्कुलर को लागू करवाने का भी निर्देश दिया। साथ ही, कैबिनेट ने विनाशकारी आपदा में डॉ पेमा तेनजिंग भूटिया और दावा छिरिंग लेप्चा द्वारा दिखाई गई बहादुरी और साहस के लिए उन्हें विशेष राज्य वीरता पुरस्कार से सम्मानित करने का भी निर्णय लिया। साथ ही मंत्रिमंडल ने उनकी बहादुरी के लिए उपयुक्त पुरस्कार हेतु केंद्र सरकार को उनके नामों की सिफारिश करने का भी निर्देश दिया।

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