गंगटोक : सिक्किम विश्वविद्यालय में प्रथम सेमेस्टर के छात्र नीरव गिरी की मौत के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। नीरव गिरी की बीते शुक्रवार को मेडिकल इमरजेंसी के कारण मृत्यु हो गई थी। उनकी मृत्यु के बाद परिसर में व्यापक प्रदर्शन हुए, जिसमें विश्वविद्यालय के प्रबंधन और छात्र कल्याण प्रावधानों में जवाबदेही और महत्वपूर्ण सुधार की मांग की गई।
नीरव को परिसर में रहते हुए दिल का दौरा पड़ा, लेकिन विश्वविद्यालय में एम्बुलेंस सहित आवश्यक चिकित्सा सुविधाओं की कमी के कारण आपातकालीन देखभाल में भारी देरी हुई। रिपोर्ट से पता चलता है कि प्रभावी चिकित्सा हस्तक्षेप के लिए महत्वपूर्ण स्वर्णिम समय विश्वविद्यालय की अप्रस्तुतता के कारण नष्ट हो गया, जिससे छात्र सुरक्षा के प्रति चौंकाने वाली उपेक्षा उजागर हुई। पर्याप्त वित्त पोषण वाले केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा प्राप्त होने के बावजूद सिक्किम विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा निर्धारित बुनियादी स्वास्थ्य सेवा दिशा-निर्देशों का पालन करने में विफल रहा है।
इस घटना के विरोध में सैकड़ों छात्र सड़कों पर उतर आए और अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी नीरव की मौत से जुड़ी परिस्थितियों की स्वतंत्र जांच की मांग कर रहे हैं। साथ ही विश्वविद्यालय के वित्त और यांगांग परिसर के विकास की तत्काल ऑडिट की मांग कर रहे हैं, जहां कथित तौर पर कुप्रबंधन और उपेक्षा व्याप्त है।
एक छात्र नेता ने विरोध रैली के दौरान कहा कि नीरव की मौत हम सभी के लिए एक चेतावनी है। हम एक ऐसे विश्वविद्यालय की मांग करते हैं जो हमारे स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता दे। सिक्किम विश्वविद्यालय छात्र संघ (एसयूएसए) की आलोचना इसके सीमित कार्य के लिए की जाती है, क्योंकि इसके चुनाव में अक्सर देरी होती है और यह संगठन अल्प कार्यकाल के बाद ही भंग हो जाता है। उनका मानना है कि छात्रों की चिंताओं को आवाज देने और प्रशासन को जवाबदेह बनाने के लिए ऐसा निकाय आवश्यक है।
छात्र नीरव की मौत से जुड़ी कहानी को गलत तरीके से पेश करने के प्रयासों की निंदा कर रहे हैं, जिसमें आत्महत्या या नशीली दवाओं के ओवरडोज जैसी निराधार बातें भी शामिल हैं। उनका तर्क है कि ये दावे उस लापरवाही से ध्यान हटाते हैं जिसके कारण यह घटना हुई तथा उनके खोए हुए साथी की स्मृति का अनादर करते हैं।
एक अन्य छात्र प्रतिनिधि ने कहा कि नीरव गिरि की मौत सिक्किम विश्वविद्यालय में संस्थागत उपेक्षा और अपर्याप्त बुनियादी ढांचे का प्रत्यक्ष परिणाम है। हम न्याय, जवाबदेही और सुधार की अपनी मांगों को लेकर एकजुट हैं। नीरव की स्मृति कभी मिटेगी नहीं और न ही सुरक्षित तथा अधिक जवाबदेह विश्वविद्यालय वातावरण सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता मिटेगी।
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