गंगटोक : सिक्किम राज्य गठन के स्वर्ण जयंती समारोहों में शामिल होने बुधवार 29 मई को अपनी सिक्किम यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हिमालयी राज्य में कई प्रमुख विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।
सरकारी सूचना एजेंसी पीआईबी की विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री सुबह करीब 11 बजे गंगटोक के पालजोर स्टेडियम में “सिक्किमएट50” कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगे। इस अवसर पर पीएम द्वारा उद्घाटन और शिलान्यास की जाने वाली इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य में बुनियादी ढांचे और कनेक्टिविटी को बढ़ावा देना है, जो सिक्किम की चल रही विकास यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इसी बीच, प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों के मद्देनजर सिक्किम सरकार ने गंगटोक और उसके आसपास के कई शैक्षणिक संस्थानों को एक दिन के लिए अस्थायी रूप से बंद करने की घोषणा की है। इसमें कंचनजंगा स्टेट यूनिवर्सिटी, सिक्किम सेंट्रल यूनिवर्सिटी और सिक्किम मणिपाल यूनिवर्सिटी जैसे प्रसिद्ध विश्वविद्यालय शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, गंगटोक नगर निगम क्षेत्र के भीतर सरकारी कार्यालय भी बंद रहेंगे। हालांकि, वित्तीय और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान खुले रहेंगे।
वहीं, प्रधानमंत्री के आयोजनों का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने हेतु सुरक्षा के व्यापक उपाय किए गए हैं। साथ ही गंगटोक और उसके आसपास यातायात को नियंत्रित करने के लिए एडवाइजरी जारी की गई है। अधिकारियों ने समारोह की व्यापक योजना के हिस्से के रूप में इन उपायों की पुष्टि की है। सरकार सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने, उपस्थित लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और नियोजित गतिविधियों के सुचारू निष्पादन हेतु स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है।
पीआईबी के अनुसार, प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन की जाने वाली परियोजनाओं में नामची में 500 शय्याओं वाला जिला अस्पताल और पेलिंग में यात्री रोपवे शामिल हैं, जो क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा और पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसके अलावा, प्रधानमंत्री गंगटोक के अटल अमृत उद्यान में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की एक प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।
वहीं, इस अवसर को यादगार बनाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी करेंगे। ये वस्तुएं सिक्किम के भारत में एकीकरण की स्वर्ण जयंती को चिह्नित करने के लिए प्रतीकात्मक संकेत हैं और पिछले पांच दशकों में राज्य की उपलब्धियों को मान्यता देते हैं।
पीआईबी ने बताया कि ये वस्तुएं राज्य की प्रगति और 1975 में भारत का हिस्सा बनने के बाद से इसकी यात्रा की ठोस याद दिलाती हैं। यह न केवल अतीत की याद दिलाती है, बल्कि राज्य की भावी आकांक्षाओं के लिए एक प्रकाशस्तंभ भी है।
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