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Prem Singh Tamang ने दूसरी बार ली मुख्‍यमंत्री पद की शपथ

11 विधायकों ने भी मंत्री के रूप में ग्रहण किया शपथ

गंगटोक । Sikkim Krantikari Morcha (एसकेएम) के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। यह लगातार दूसरी बार है, जब Prem Singh Tamang-Golay (गोले) सिक्किम के मुख्यमंत्री बने हैं। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन पालजोर स्टेडियम में कराया गया। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने प्रेम सिंह तमांग (गोले) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। तमांग के साथ 11 नव-निर्वाचित विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। एसकेएम अध्यक्ष और मुख्यमंत्री गोले के नेतृत्व में एसकेएम पार्टी ने हाल ही में संपन्न सिक्किम विधानसभा चुनाव में 32 में से 31 सीटें जीतीं। 2019 के चुनाव में सिर्फ 17 सीटें जीतकर सरकार में आई SKM पार्टी को 2024 के चुनाव में भारी जनादेश मिला है।

PM नरेंद्र मोदी ने भी प्रेम सिंह तमांग (गोले) को दोबारा सिक्किम का मुख्यमंत्री बनने पर बधाई दी है। पीएम Modi ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, सिक्किम के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर प्रेम सिंह तमांग (गोले) के सफल कार्यकाल की कामना करता हूं और सिक्किम की प्रगति के लिए उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं।

ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री गोले 1994 से लगातार सातवीं बार सिक्किम विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए हैं। वे 1994-2009 तक च्‍याखुंग निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार विधायक बने। फिर 2009 और 2019 के विधानसभा चुनावों में उन्हें अपर बर्तुक निर्वाचन क्षेत्र के विधायक के रूप में चुना गया और 2019 के चुनाव में उन्होंने पोकलोक कामरांग निर्वाचन क्षेत्र का उपचुनाव जीता और विधायक बने।

समय बदला और इसके बाद वर्ष 2019 में राज्य में पहली बार CM Golay के नेतृत्व वाली SKM ने राज्य में पहली बार जीत दर्ज की। ये वो पल था जब, 24 वर्ष, पांच महीने और 15 दिन तक काबिज रही पवन चामलिंग की सरकार को सत्ता से बाहर होना पड़ा। SKM में 17 सीटों पर जीत हासिल कर सत्ता पर काबिज हुई। राज्य में पवन चामलिंग सरकार का अस्त हुआ और प्रेम सिंह तमांग सरकार का उदय हो गया।

2024 के चुनावों में सोरेंग-च्‍याखुंग और रेनॉक निर्वाचन क्षेत्रों में भारी अंतर से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री गोले लगातार सातवीं बार सिक्किम विधानसभा के सदस्य के रूप में चुने गए हैं। वे चार बार एसडीएफ और तीन बार एसकेएम से विधायक बने। गोले ने एसडीएफ पार्टी के अध्यक्ष पवन चामलिंग के साथ वैचारिक मतभेदों के बाद 4 फरवरी 2013 को एसकेएम पार्टी की स्थापना की।

एसकेएम पार्टी ने 2014 के चुनावों में विपक्षी भूमिका निभाई और केवल 10 सीटें जीतीं। फिर 2019 के चुनाव में 17 सीटें जीतकर एसकेएम ने कम बहुमत से सरकार बनाई और पार्टी अध्यक्ष गोले पहली बार मुख्यमंत्री बने। इस साल प्रचंड जीत के साथ गोले दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) के मंत्रिमंडल में सोनम लामा, अरुण कुमार उप्रेती, साम्‍दुप लेप्चा, भीमहांग लिम्बू, भोजराज राई, जीटी धुंगेल, पूरन कुमार गुरुंग, पिंछो नामग्याल लेप्चा, नर बहादुर दहाल, राजू बसनेत और छिरिंग थेंडुप भूटिया को नियुक्त किया गया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) को मिलकर कुल 12 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन हुआ है। तीन मंत्रियों ने नेपाली में जबकि आठ ने अंग्रेजी में शपथ ली। पूर्व मुख्‍यमंत्री तथा एसडीएफ अध्‍यक्ष पवन चामलिंग को दो सीटों पर हराने वाले भोजराज राई और राजू बस्‍नेत को भी मंत्रिमंडल में जगह मिली है।

वहीं दूसरी ओर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम में सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने राज्य मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल किया, जिसके परिणामस्वरूप पांच वरिष्ठ मंत्रियों को मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया गया है। नये मंत्रिमंडल से हटाए गए मंत्रियों में बीएस पंथ, लोकनाथ शर्मा, संजीत खरेल, एलबी दास और एमएन शेरपा शामिल हैं। यह कदम एक निर्णायक बदलाव है, क्योंकि सीएम गोले की सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) पार्टी नई सरकार बनाने की तैयारी कर रही है।

इस फेरबदल को सीएम गोले द्वारा मंत्रिमंडल में नए चेहरे लाने और राज्य के राजनीतिक परिदृश्य को पुनर्गठित करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है। ये परिवर्तन सिक्किम में प्रशासनिक दृष्टिकोण और शासन प्राथमिकताओं में संभावित बदलाव का संकेत देते हैं। वरिष्ठ मंत्रियों को सूची से बाहर रखे जाने से राजनीतिक विश्लेषकों और आम जनता के बीच चर्चा छिड़ गई है, क्योंकि इन लोगों ने पिछली सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। मंत्रिमंडल में चार महिला विधायकों में से किसी को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए राज्‍यभर से बड़ी संख्‍या में एसकेएम समर्थक पालजोर स्‍टेडियम में जमा हुए थे। जैसे ही मुख्‍यमंत्री ने शपथ ग्रहण की पूरा स्‍टेडियम नारों और पटाखों की आवाज से गुंजायमान हो गया। हालांकि ऐसे सिक्किम में पटाखों पर प्रतिबंध है।

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