गंगटोक : सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने 26 फरवरी को खस समुदाय का स्थापना दिवस मनाए जाने और हर साल इस दिन सरकारी अवकाश की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने गेजिंग जिले के क्योंगसा ग्राउंड में अखिल सिक्किम खस छेत्री बाहुण कल्याण संघ के 30वें स्थापना दिवस समारोह में यह घोषणा की।
सीएम गोले ने कहा कि खस समुदाय के तीन दशकों के समर्पण, प्रगति और एकता को चिह्नित करने वाले इस भव्य अवसर का हिस्सा बनकर वह बहुत सम्मानित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक कल्याण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उनकी सरकार सिक्किम में सभी समुदायों के बीच सद्भाव सुनिश्चित करने हेतु प्रतिबद्ध है। सीएम ने कहा, हमारी सरकार सभी समुदायों को एक परिवार के रूप में एकजुट रखने के लिए समर्पित है। किसी भी व्यक्ति या समूह को विभाजन पैदा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हमारी ताकत एकता में है, और हमारी प्रगति सद्भाव पर निर्भर करती है।
वहीं, अपने भाषण में मुख्यमंत्री गोले ने खस समुदाय के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में सैम्सुंग तमांग की गिरफ्तारी पर सवाल उठाने पर विपक्ष की आलोचना भी की। उन्होंने 13 दिन की तलाश के बाद आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए सिक्किम पुलिस की प्रशंसा की और कहा, सैम्सुंग तमांग सिक्किम का नहीं बल्कि दार्जिलिंग का है। ऐसे में, पश्चिम बंगाल पुलिस को उसे गिरफ्तार करना चाहिए था, लेकिन हमारी पुलिस ही उसे पकड़ कर यहां लायी है। उनके प्रयासों की सराहना करने के बजाय, कुछ लोग और विपक्षी नेता इस पर राजनीति कर रहे हैं। वे किस तरह के लोग हैं?
हालांकि, मुख्यमंत्री गोले ने सीधे तौर पर किसी का नाम नहीं लेते हुए सिटीजन एक्शन पार्टी के अध्यक्ष गणेश राई पर निशाना साधा, जो इस मामले के बारे में मुखर रहे हैं। सीएम ने सुझाव दिया कि कुछ विपक्षी नेताओं को डर था कि उनके नाम इस घटना से जुड़े हो सकते हैं। वहीं, विपक्ष ने मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच की मांग की है, लेकिन सीएम गोले ने इस विचार को खारिज करते हुए कहा, सीबीआई जांच की क्या जरूरत है? क्या सिक्किम पुलिस जांच करने में सक्षम नहीं है? सीबीआई् जांच की जरूरत तभी पड़ती है जब राज्य पुलिस विफल हो जाती है, लेकिन हमारी पुलिस बेहतरीन काम कर रही है। मुख्यमंत्री ने आगे उल्लेख किया कि मामले में पुलिस पूछताछ में और नाम सामने आए हैं और इसमें और लोगों को हिरासत में लिया जायेगा।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों को मान्यता देने के बारे में बताया कि एसकेएम सरकार ने सुनिश्चित किया है राज्य में हर जातीय समूह अपनी परंपराओं को स्वतंत्र रूप से मना सके। उन्होंने बताया कि 13 जुलाई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भानु जयंती के रूप में मनाने की मान्यता दी गई है, जो एसकेएम सरकार के तहत हासिल की गई मान्यता है। इसी तरह, खस समुदाय अब आधिकारिक तौर पर 25 फरवरी को अपना त्योहार मनाता है, जिसे पिछली सरकारों के तहत मान्यता नहीं दी गई थी। उन्होंने कहा, पहले खस समुदाय के लिए अपने त्योहार को आधिकारिक तौर पर मनाना संभव नहीं था, लेकिन अब यह एक वास्तविकता है। एसकेएम सरकार समावेशिता में विश्वास करती है और सभी समुदायों का सम्मान करती है। उन्होंने ऐसे समारोहों के खिलाफ बोलने वाले विपक्षी नेताओं की भी आलोचना की और कहा, कुछ लोग दावा करते हैं कि सामुदायिक त्योहार मनाना संसाधनों की बर्बादी है, लेकिन वे सांस्कृतिक विरासत और एकता के महत्व को समझने में विफल रहते हैं।
साथ ही, सीएम गोले ने घोषणा की कि सरकार ने खस समुदाय भवन के निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। उन्होंने कहा, 30 वर्षों से खस समुदाय अपने भवन के लिए भूमि पाने के लिए संघर्ष कर रहा है। अब हमने न केवल भूमि आवंटित की है, बल्कि इसके निर्माण के लिए धनराशि भी स्वीकृत की है। उन्होंने खस समुदाय का समर्थन जारी रखने का भी आश्वासन दिया।
सीएम गोले ने कहा, सिक्किम एकता और प्रगति की भूमि है। हमारा लक्ष्य एक समृद्ध सिक्किम बनाना है, जहां हर समुदाय शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहे और समृद्ध हो। एसकेएम सरकार हमेशा लोगों के साथ खड़ी रही है और आगे भी खड़ी रहेगी। उन्होंने 12 छूटे हुए समुदायों को आदिवासी का दर्जा दिलाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति के गठन पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर 10 फरवरी को दिल्ली में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी। उन्होंने सभी जातीय संस्कृतियों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि की और सामुदायिक भवनों, संस्कृत और गुरुकुल स्कूलों के लिए समर्थन और नेपाली भाषा में सरकारी अधिसूचना जारी करने के लिए निरंतर प्रयास की घोषणा की।
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