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अनुकंपा नियुक्ति के लिए विधायक के अनुशंसा की जरूरत नहीं : प्रेम सिंह तमांग

गंगटोक । मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) की अध्यक्षता में सोमवार को चिंतन भवन में समन्वय बैठक हुई। बैठक के दौरान राज्य सरकार के सभी विभागों के प्रमुखों के साथ अस्थायी कर्मचारियों के वेतन जारी करने तथा अन्य प्रासंगिक मुद्दों पर गहन चर्चा की गई।

बैठक में प्रभारी मुख्य सचिव आर तेलंग, एसडीजीपी अक्षय सचदेव, सभी विभागों के प्रधान सचिव, सीईओ चुनाव विभाग, सचिव, मुख्य लेखा अधिकारी, वरिष्ठ लेखा अधिकारी, लेखा अधिकारी और लेखा कर्मचारी उपस्थित थे। विभागों ने अस्थायी कर्मचारियों के वेतन वितरण की वर्तमान स्थिति की जानकारी मुख्यमंत्री को दी, जिसमें शामिल हुए कुल कर्मचारियों की संख्या का विवरण दिया गया। वहीं, अन्य मुद्दे जैसे अपर्याप्त वित्त पोषण, अनुपस्थिति तथा दस्तावेज़ीकरण विसंगतियां भी संक्षेप में प्रस्तुत किये गये। आगामी विजयादशमी के अवसर पर मुख्यमंत्री ने उपस्थित सभी लोगों को अपनी शुभकामनाएं दीं।

उन्होंने बैठक की तात्कालिक प्रकृति के बारे में बताया, जो नव नियुक्त कर्मचारियों के वेतन जारी करने से संबंधित मुद्दों पर विचार करने के लिए बुलाई गई थी। उन्होंने मुख्य बिंदुओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त किया, जिसमें अस्थायी कर्मचारी जो चुनाव से पहले कार्यभार ग्रहण कर चुके थे। लेकिन काम पर नहीं आए और चुनाव के बाद ड्यूटी पर आए, ड्यूटी से अनुपस्थिति को बिना वेतन अवकाश (एलडब्ल्यूपी) माना जाएगा। जिन अस्थायी कर्मचारियों को चुनाव से पहले आदेश प्राप्त हुए थे और जो चुनाव के बाद कार्यभार ग्रहण कर गए, उनका वेतन कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से निर्धारित किया जाना चाहिए। जो अस्थायी कर्मचारी नियुक्त तो हुए लेकिन काम पर नहीं आए तथा अनियमित हैं, उन्हें तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए। जिन अस्थायी कर्मचारियों ने कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद छुट्टी के लिए आवेदन किया है, उन्हें एलडब्ल्यूपी प्रदान किया जाएगा। अस्थायी कर्मचारियों को अवकाश केवल छह महीने की लगातार सेवा के बाद ही दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि आगामी दशहरा त्योहार के मद्देनजर कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विभागीय रिपोर्टों के अनुसार अधिकांश कर्मचारियों के अगस्त और सितम्बर माह के वेतन का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने आगे बताया कि चुनाव से पहले शामिल हुए अस्थायी कर्मचारियों की उपस्थिति का उचित सत्यापन किया जाएगा तथा पूर्ण सत्यापन के बाद ही बकाया राशि जारी की जाएगी। उन्होंने वित्त विभाग के अंतर्गत वेतन एवं लेखा प्रभाग को दशहरा से पहले सभी लंबित वेतन बिलों के निपटान में तेजी लाने के निर्देश दिए।

उन्होंने अनुकंपा नियुक्ति के संबंध में भी स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि इसकी शर्तें पहले ही अधिसूचित की जा चुकी हैं और उम्मीदवारों को अपने संबंधित विधायकों से सिफारिशें लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विभागों को अभ्यर्थियों को सही जानकारी देने का प्रयास करना चाहिए। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि वर्तमान मातृत्व अवकाश प्रावधान को संशोधित करने का प्रस्ताव विचाराधीन है। चरण 1 में महिला कर्मचारियों को छह महीने का मातृत्व अवकाश प्रदान किया जाएगा, इसके बाद चरण 2 में बाल देखभाल अवकाश की शुरुआत की जाएगी, जिसका लाभ राज्य सरकार की सेवा में कार्यरत माता-पिता दोनों उठा सकते हैं। अंत में, उन्होंने वेतन एवं लेखा प्रभाग से अनुरोध किया कि वे सभी लंबित बिलों का भुगतान करें तथा दशईं त्योहार से पहले अस्थायी कर्मचारियों के वेतन जारी करने को प्राथमिकता दें।

मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार, योजना एवं विकास सचिव श्री रिनजिंग छेवांग भूटिया और कार्मिक विभाग (डीओपी) ने स्पष्टीकरण दिए और छुट्टियों और अन्य विभागीय मुद्दों के प्रभावी प्रबंधन के लिए प्रासंगिक बिंदुओं पर चर्चा की। विश्राम अवकाश योजना के अंतर्गत राज्य सरकार के विभागों में कार्यभारित, मस्टर रोल, तदर्थ, समेकित वेतन तथा एक परिवार एक नौकरी कार्यक्रमों के तहत कार्यरत अस्थायी कर्मचारी, जो राज्य की संचित निधि से वेतन प्राप्त करते हैं, छह महीने की निरंतर सेवा पूरी करने के बाद ही अवकाश के लिए पात्र होते हैं। इसी प्रकार, अवकाश लेने के इच्छुक नियमित सरकारी कर्मचारियों को कम से कम पांच वर्ष की निरंतर सेवा पूरी करनी होगी। यदि अस्थायी कर्मचारी, कार्यभार ग्रहण करने के तुरंत बाद अध्ययन या अन्य कारणों का हवाला देते हुए अवकाश के लिए आवेदन प्रस्तुत करते हैं, तो विभागों को अवकाश योजना के स्थापित नियमों के अनुसार निर्णय लेना चाहिए। मातृत्व अवकाश के आवेदनों पर विभागीय स्तर पर स्थापित मानदंडों और नियमों के अनुसार कार्रवाई की जा सकती है। बैठक में यह घोषणा की गई कि मौजूदा मातृत्व अवकाश को छह महीने की अवधि के ‘मातृत्व अवकाश’ और ‘बाल देखभाल अवकाश’ में परिवर्तित किया जाएगा। बताया गया कि इस बदलाव के बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी की जाएगी। नए नियुक्त कर्मचारियों की उपस्थिति का सत्यापन उनकी कार्यभार ग्रहण करने की तिथि से अत्यंत सतर्कता के साथ किया जाना चाहिए, ताकि वेतन जारी करते समय कोई विसंगति न हो। वेतन एवं लेखा विभाग से अनुरोध है कि आगामी दशईं अवकाश से पहले लंबित वेतन बिलों का भुगतान कर दिया जाए।

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