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ब्लैकमेलिंग या सौदेबाजी के आगे नहीं झुकेगी सरकार : Prem Singh Tamang

कानून के दायरे में काम करती है सरकार

गंगटोक । सिक्किम के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) ने सभी सहायक प्रोफेसरों के लिए चार साल की नियमितीकरण नीति को वापस ले लिया है। इसकी जगह अब आठ साल की नियमितीकरण नीति लागू की गई है। मुख्यमंत्री गोले ने आज गंगटोक में तेंदोंग ल्‍हो रुम फाट कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह घोषणा की।

मुख्‍यमंत्री ने कहा कि कहा कि राज्य सरकार ने सहायक प्रोफेसरों के लिए चार साल की नीति शुरू की थी, लेकिन यह उन्हें पसंद नहीं आई। इसके बजाय, उन्होंने एक साल की परिवीक्षा अवधि और उस दौरान कम वेतन पर चिंता जताते हुए नीति को वापस लेने की मांग की। वहीं, अपने वक्‍तव्य में मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों को स्थापित मानदंडों का पालन करना चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछली सरकार 20 साल बाद भी कर्मचारियों को नियमित करने में विफल रही, जबकि एसकेएम सरकार ने 4 सालों में ही नियमितीकरण के लिए नीति पेश की।

अपनी घोषणा में सीएम ने शिक्षा मंत्री को निर्देश दिया कि वे चार सालों के लिए नियमित होने वाले सभी सहायक प्रोफेसरों के नियमितीकरण आदेश को तुरंत वापस लें। उन्होंने कहा कि सरकार कानून के दायरे में काम करती है और ब्लैकमेलिंग या सौदेबाजी के आगे नहीं झुकेगी। इसके अलावा, सीएम गोले ने यह भी कहा कि अगर सहायक प्रोफेसर अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं, तो भी सरकार केस लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने दोहराया कि सरकार किसी भी तरह की सौदेबाजी बर्दाश्त नहीं करेगी और कानून को कायम रखेगी।

सरकार के आदेश का पालन नहीं करने वाले सहायक प्रोफेसरों के बारे में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, दरअसल सहायक प्रोफेसरों के लिए सीधे नियमन नहीं किया जाना चाहिए था, क्योंकि कुछ प्रावधान होते हैं। वे शिक्षण संकाय हैं। वे दूसरे क्राइटेरिया में आते हैं। उन्‍हें कई सुविधाएं प्राप्‍त हैं। हालांकि, सरकार ने उन्‍हें आठ से घटाकर चार साल में नियमित कर दिया। लेकिन वे यह कहकर आवेदन दे रहे हैं कि वे एक साल की प्रोबेशन अवधि के अंदर नहीं रहेंगे। उनका कहना है कि इससे सैलरी कम हो जाएगी। दूसरों के साथ भी ऐसा हो रहा है। वे सरकार के प्रति आभारी क्यों नहीं हैं? हमारी इच्छाशक्ति थी और हमने यह किया। अगर हमारे पास इच्छाशक्ति नहीं होती तो हम ऐसा नहीं करते। हमने उन्हें नियमित किया है। अब और सौदेबाजी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेरी अपनी बहू भी इसमें आती हैं। लेकिन मैं उनकी मांग से सहमत नहीं हूं।

#anugamini #sikkim

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