सोरेंग । जिले में पर्यटन विकास के तौर-तरीकों पर आज मलबासे स्थित इंजीनियर कॉम्प्लेक्स सभागार में मुख्य अतिथि रिनचेनपोंग विधायक सह सड़क व पुल विभागीय सलाहकार एरुंग तेनजिंग लेप्चा की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इसमें सोरेंग-च्याखुंग के पूर्व विधायक आदित्य गोले, पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव सीएस राव, प्रधान मुख्य अभियंता नीरज प्रधान, अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रताप गौतम, अतिरिक्त सचिव डॉ प्रेरणा चामलिंग, डीसी धीरज सुबेदी, संयुक्त निदेशक काजी शेरपा एवं अन्य प्रशासनिक एवं विभागीय अधिकारीगण शामिल हुए।
बैठक में विधायक ने रिनचेनपोंग में पर्याप्त भूमि की उपलब्धता का जिक्र करते हुए यहां विभिन्न पर्यटन संबंधी परियोजनाओं के विकास पर जोर दिया। इसके तहत उन्होंने विशेष रूप से कृषि पर्यटन विकास का उल्लेख करते हुए कहा कि इस प्रकार का पर्यटन आगंतुकों को कृषि गतिविधियों, ग्रामीण जीवन और स्थानीय संस्कृति का अनुभव कराएगा, जो अनूठा और शैक्षिक होगा। उन्होंने संबंधित विभागों से होमस्टे आवंटित करते समय क्षेत्र की पर्यटन क्षमता को सत्यापित करने का आग्रह करते हुए बताया कि जिला वासी विभाग के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं जो पर्यटन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन हेतु महत्वपूर्ण है। उन्होंने पर्यटन विभाग से ग्रामीण और साहसिक पर्यटन को पश्चिम सिक्किम का पर्याय बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का भी आग्रह किया, जिसमें गेजिंग और सोरेंग जिले शामिल हैं।
इस दौरान, पूर्व विधायक गोले ने दोदक में वृंदावन धाम, रिनचेनपोंग में रवींद्रनाथ भवन और मांगेरजंग परियोजना का उल्लेख किया। उन्होंने सोरेंग में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा देने के मुख्यमंत्री के दृष्टिकोण से अवगत कराते हुए कहा कि इसी उद्देश्य से कई परियोजनाओं का निर्माण किया जा रहा है। साथ ही उन्होंने पर्यटन विकास हेतु विभागीय अधिकारियों को लोगों के बीच लाकर विचार-विमर्श करने और संभावित समाधान निकालने के लिए सीएम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कौशल विकास के महत्व पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि स्थानीय निवासी इन परियोजनाओं द्वारा बनाए गए अवसरों का लाभ उठाने के लिए अच्छी तरह से सुसज्जित हों। उन्होंने व्यवसायों, सामुदायिक नेताओं और निवासियों सहित स्थानीय हितधारकों से सोरेंग में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ाने में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
इसके अलावा, गोले ने हितधारकों और सरकार के बीच पारस्परिक संबंध के महत्व पर भी प्रकाश डाला वहीं, प्रधान पर्यटन सचिव ने जिले में पर्यटन विकास हेतु चल रही और भावी पहलों के बारे में जानकारी देते हुए जिले के सांस्कृतिक विरासत स्थलों एवं समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने हितधारकों को इन विरासत स्थलों को संरक्षित कर बढ़ावा देने में सक्रियता से भाग लेने हेतु प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार द्वारा एमएसएमई पर ‘क्लस्टर विकास कार्यक्रम योजना’ के तहत सामान्य सुविधा केंद्र पर चर्चा की।
होम-स्टे और होटलों के मालिकों सहित हितधारकों के पंजीकरण और नवीनीकरण से आग्रह किया गया कि वे सुनिश्चित करें कि उनके प्रतिष्ठान पर्यटन विभागों के साथ पंजीकृत और नवीनीकृत हैं। उन्होंने कहा कि पंजीकरण प्रक्रिया महत्वपूर्ण है क्योंकि यह इन व्यवसायों को सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न सुविधाओं और लाभों को प्राप्त करने में सक्षम बनाती है, जिससे उनकी सेवा पेशकश में वृद्धि होती है और अधिक पर्यटकों को आकर्षित किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सीएम की इच्छा के अनुसार जिले में पर्यटन विकास हेतु यह बैठक आयोजित की गई है और हितधारकों को उनकी मांगों और शिकायतों पर गंभीरता से विचार किये जाने का आश्वासन दिया।
बैठक में डीसी ने जिले में क्षमता निर्माण, सामुदायिक भागीदारी और मौजूदा बुनियादी ढांचे को चालू करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने सोरेंग जिला के एक आकांक्षी जिला होने के नाते यहां सतत पर्यटन, कृषि पर्यटन, आधुनिक कृषि विकास, प्रकृति पथ, फार्म स्टे, जंगल सफारी, ईको फ्रेंडली सफारी पर जोर दिया। साथ ही, उन्होंने युवाओं और हितधारकों से आगे आकर जिले में पर्यटन विस्तार के साझा लक्ष्य की दिशा में प्रशासन का समर्थन करने का भी आग्रह किया। बैठक में एक खुली चर्चा भी हुई जिसमें सभी अपने विचार रखे।
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