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राज्‍य में हर किसी को किसी भी धर्म का पालन करने की है स्वतंत्रता : मुख्‍यमंत्री

श्रीश्री 108 श्रीमद्भागवत महापुराण में शामिल हुए सीएम

नामची । मुख्यमंत्री श्री प्रेम सिंह तमांग आज जोरथांग खेल मैदान में श्रीश्री 108 श्रीमद्भागवत महापुराण और नव कुंडीय दैवीय आपदा राहत विश्व शांति महायज्ञ में शामिल हुए।

इस दिन साधु कृष्णप्रिया स्वामी, साधु सर्वेश्वर स्वामी, साधु मुनिस्मरण स्वामी, घनश्‍याम भगत, मुख्‍यमंत्री की धर्मपत्‍नी श्रीमती कृष्णा राई, विधायक श्रीमती सुनीता गजमेर, मुख्‍यमंत्री के प्रेस सलाहकार श्री चंद्र प्रकाश, पूर्व मंत्री डा एके घतानी भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। इसें राज्‍य के सभी छह जिलों के साथ ही पड़ोसी राज्यों और नेपाल से भी भक्त शामिल हुए।

सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने महापुराण के सफल संचालन के लिए आयोजन समिति का आभार व्यक्त किया और उसकी सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि इस आयोजन का एक मुख्य उद्देश्य उन आत्माओं के लिए प्रार्थना करना है, जिन्होंने 4 अक्टूबर को बाढ़ के कारण अपनी जान गंवा दी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार के तहत प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता है। इसके साथ ही उन्‍होंने आंतरिक शांति और भीतर से अहंकार को खत्म करने के महत्व को साझा किया। उन्होंने बताया कि इस पुराण कथा से न केवल सिक्किम के लोगों को बल्कि पूरे देश के भक्तों को लाभ हुआ है।

उन्होंने विभिन्न धामों का उल्लेख किया, जिनका निर्माण उन लोगों के लिए किया गया है, जो विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं के कारण दूर-दराज के स्थानों की यात्रा नहीं कर सकते हैं, जिनमें बृंदावन धाम दोदक, कृतेश्वर महादेव मंदिर, लेगशिप और रोलू मंदिर शामिल हैं। उन्होंने वाराणसी में हाल ही में उद्घाटन किए गए इंद्रकिल सिक्किम भवन “सभी के लिए घर” के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने लोगों के बीच अपना ज्ञान प्रदान करने में उनके अथक समर्पण के लिए भक्तों की सराहना की। इसके साथ ही उन्होंने घोषणा की कि रंगीत और रामबंग नदी के संगम पर “संध्या आरती स्थल” का निर्माण किया जाएगा।

दिन के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण का नेतृत्व गुरुजी केशव सरन अधिकारी ने किया, जिसमें उन्होंने धार्मिक नैतिकता पर शिक्षाओं को साझा किया जो वेदों के साथ प्रतिस्पर्धा करती है कि भक्ति अंततः आत्म-ज्ञान, मोक्ष और आनंद की ओर ले जाती है। उन्होंने मुख्यमंत्री और सिक्किम के लोगों के कल्याण के लिए इस विश्वशांति महायज्ञ की आयोजन समिति के प्रति अपना आभार भी व्यक्त किया।

यहां बता दें कि इस नौ दिवसीय महापुराण का आयोजन श्री दत्तात्रेय सेवा संघ, सिक्किम द्वारा हैप्पी हेल्थ इंडिया, सिक्किम वीर गोरखा पूर्व सैनिक कल्याण संघ और नेशनल रिसोर्स केयर के सहयोग से किया गया है, जिसका समापन 21 दिसंबर को होगा।

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