गंगटोक : सिक्किम प्रदेश भाजपा ने राज्य में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में देरी, दूध उत्पादकों के लिए बकाया प्रोत्साहन एवं वाहनों, भूमि, पर्यटन और आवश्यक सेवाओं पर कर वृद्धि सहित कई मुद्दों पर आवाज उठायी है।
आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर पार्टी प्रवक्ता पासांग ग्याली शेरपा ने राज्य सरकार की कर नीतियों की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि भूमि एवं मोटर वाहन कर और बिजली बिलों में भारी बढ़ोतरी ने आम लोगों पर अत्यधिक आर्थिक बोझ डाला है। वहीं, पार्टी ने संविधान के अनुच्छेद-3 के तहत सिक्किम-दार्जिलिंग के संभावित विलय मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग के बयान की भी निंदा की और इसे भ्रामक और गैरजिम्मेदाराना बताया।
इसके अलावा, प्रदेश भाजपा ने खस नेपाली समुदाय पर आपतिजनक टिप्पणी करने वाले सैम्सुंग तमांग मामले पर भी चिंता जताई और इसकी न्यायिक जांच की मांग की। साथ ही, पार्टी ने सरकार पर अस्थायी कर्मचारियों के लिए वादा किए गए 15000 रुपए न्यूनतम वेतन को लागू करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया। पार्टी की ओर से कहा गया कि लोग अभी भी 9000 रुपए प्रति माह वेतन प्राप्त कर रहे हैं, जिससे इस महंगाई में उनका जीवन यापन मुश्किल हो रहा है।
संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने सिक्किम में बढ़ती आत्महत्या दर और घटती प्रजनन दर पर भी प्रकाश डाला और सरकार से इस संकट को दूर करने के लिए एक समर्पित मानसिक स्वास्थ्य विभाग स्थापित करने का आग्रह किया। इसके साथ, एडवेंचर टूरिज्म क्षेत्र पर उच्च कराधान के प्रभाव पर भी चिंता व्यक्त की गई।
इसके अलावा, प्रदेश भाजपा ने राज्य की वित्तीय पारदर्शिता, खास कर सिक्किम ऊर्जा कंपनी के विनिवेश में, सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि कैग रिपोर्ट में पूंजीगत व्यय और ऋण प्रबंधन पर स्पष्टता का अभाव है। पार्टी ने सिक्किम के लोगों पर आर्थिक बोझ को कम करने के लिए अधिक जवाबदेही और कराधान नीतियों की समीक्षा का आह्वान किया है।
#anugamini #sikkim
No Comments: