दार्जिलिंग । दार्जिलिंग के सपूत कैप्टन बृजेश थापा देश की रक्षा करते हुए शहीद हो गएद। कल रात, जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के जंगल में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन बृजेश थापा शहीद हो गए।
दार्जिलिंग के बड़ागिंग निवासी सेवानिवृत्त कर्नल भुवनेश थापा के बेटे कैप्टन बृजेश थापा जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के जंगल में आतंकवादियों के खिलाफ एक ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे। इसी बीच आतंकियों के हमले में वे वीरगति को प्राप्त हुए। वह 2018 में कमीशन परीक्षा पास करने के बाद सेना में शामिल हुए। पारिवारिक सूत्रों के मुताबिक शहीद थापा का पार्थिव शरीर बुधवार को उनकी जन्मस्थली बड़ागिंग लाया जाएगा।
कैप्टन बृजेश थापा ने मुंबई से इंजीनियरिंग पास की थी लेकिन वह बचपन से ही एक भारतीय सैनिक बनना चाहते थे इसलिए उन्होंने 2018 में कमीशन की परीक्षा दी। उनकी मां एलिना थापा ने बताया कि उन्होंने एक ही बार में परीक्षा पास कर ली। कैप्टन बृजेश थापा की तरह, जो सरल स्वभाव के हैं, वह कठिन और जटिल परिस्थितियों को आसानी से संभाल लेते थे और उनका स्वभाव सभी के साथ मिलजुल कर रहने का था, ऐसा उनकी मां एलीना का कहना है।
पिछले मार्च में जब वह 12 दिनों की छुट्टी पर घर आए थे, तो उन्होंने अपनी मां एलीना और पिता भुवनेश थापा के साथ सिलीगुड़ी के शास्त्रीनगर स्थित उनके घर पर समय बिताया था। मां एलीना थापा ने बताया कि उस दौरान उन्होंने एक सप्ताह की छुट्टियां बढ़ायीं और बाबा भुवनेश का जन्मदिन मनाया। इसी जुलाई महीने में कैप्टन थापा फिर से घर आने वाले थे।
वे इस बार की छुट्टियों में अपने माता-पिता के साथ घूमने जाने वाले थे, लेकिन वे आतंकियों के साथ लोहा लेते हुए शहीद हो गए। उनकी मां अपने बेटे के बारे में बताते हुए फूट-फूटकर रो पड़ीं। कैप्टन की मां ने कहा कि पिछले मार्च में उनके बेटे के साथ उनकी मुलाकात आखिरी थी। कैप्टन बृजेश थापा महज 27 साल के थे। इतनी कम उम्र में उन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। उनके पिता सेवानिवृत्त कर्नल भुवनेश थापा ने बताया कि उन्हें कल रात 11 बजे दिल्ली से फोन पर बेटे कैप्टन बृजेश थापा की शहादत की सूचना मिली। मां एलीना थापा ने बताया कि विदेश में रह रही बहन निकिता थापा अपने प्यारे भाई कैप्टन बृजेश थापा को अंतिम विदाई देने आ रही हैं।
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