गंगटोक : हाल ही में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) द्वारा काटे गये कथित रूप से गलत चालान के बाद उपजे विवाद पर सिक्किम परिवहन विभाग ने आज एक स्पष्टीकरण जारी किया है। विभाग ने इसे लेकर जनता को आश्वस्त किया कि एआई आधारित चालान प्रणाली अत्यधिक विश्वसनीय है और संबंधित घटना एक अति दुर्लभ तकनीकी गड़बड़ी थी जिसे कुछ सेकंड के भीतर हल कर दिया गया था।
गौरतलब है कि इस मुद्दे ने व्यापक तौर पर तब लोगों का ध्यान आकर्षित किया जब एक वायरल सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया गया कि सिक्किम में एक चार पहिया वाहन चालक पर हेलमेट न पहनने के लिए जुर्माना लगाया गया था। इसमें, मोटर वाहन कानून की धारा 194डी के तहत 1000 रुपये का जुर्माना जारी किया गया, जो केवल दोपहिया सवारों पर लागू होता है। बाद में, मारुति वैन वाले इस चालान के स्क्रीनशॉट ऑनलाइन वायरल हो गये जो लोगों के चर्चा के केंद्र में रहा और भ्रम भी पैदा किया। इससे एआई संचालित प्रणाली की सटीकता पर भी सवाल खड़े होने लगे।
इसके जवाब में, परिवहन विभाग ने समझाया कि यह गलती एक ट्रैफिक जंक्शन पर थोड़े समय के लिए इंटरनेट बाधित होने के कारण हुई। हालांकि, सिस्टम के बिल्ट इन ऑटो-चेक मैकेनिज्म ने मात्र 6 सेकंड के भीतर त्रुटि का पता लगा लिया और तुरंत चालान वापस कर दिया। साथ ही, वाहन मालिक को एसएमएस और व्हाट्सएप के माध्यम से तुरंत सूचित भी कर दिया गया।
इस संबंध में विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि ऐसी त्रुटियां अत्यंत दुर्लभ हैं और सिस्टम ने बिना किसी बड़ी समस्या के 32000 से अधिक चालान संसाधित किए हैं। विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा, यह अब तक का एकमात्र ऐसा मामला है। एआई सिस्टम को स्वयं-सही करने के लिए प्रोग्राम किया गया है और इस मामले में, इसने कुछ ही सेकंड में ठीक वैसा ही किया।
अधिकारियों ने आगे बताया कि गड़बड़ी संभवत: राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र प्रणाली में अस्थायी आउटेज या इंटरनेट कनेक्टिविटी में क्षणिक गिरावट के कारण हुई थी। यह ठीक उसी तरह है जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण कभी-कभी रुक जाते हैं और उन्हें पुनः आरंभ करने की आवश्यकता होती है।
वहीं, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विभाग ने अतिरिक्त सिस्टम जांच और बेहतर निगरानी तंत्र सहित सुधारात्मक उपाय किए हैं। अधिकारी ने कहा कि एआई चालान प्रणाली सख्त दिशा-निर्देशों के तहत काम करते हुए यह सुनिश्चित करती है कि केवल वैध उल्लंघनों पर ही जुर्माना लगाया जाए।
परिवहन विभाग की ओर से कहा गया कि एआई सिस्टम ने गंभीर यातायात उल्लंघनों से निपटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसमें डुप्लिकेट नंबर प्लेट और नकली वाहन पंजीकरण के मामले शामिल हैं। हाल ही में एक मामले में, एक व्यक्ति को जब पता चला कि सालों पहले स्क्रैप किया गया उसका वाहन अभी भी उसी पंजीकरण संख्या के साथ इस्तेमाल किया जा रहा है तो उसने विभाग से संपर्क किया। इसके अतिरिक्त, एआई-संचालित प्रणाली ने नकली नंबर प्लेट का उपयोग करने वाले 15 वाहनों की सफलतापूर्वक पहचान भी की है।
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