दार्जिलिंग । सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिह तमांग (गोले) ने आज दार्जिलिंग के सेंट जोसेफ स्कूल द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में शिरकत की। इस दौरान, मुख्यमंत्री गोले ने 1985 में दार्जिलिंग में छात्र जीवन में रहने के दौरान हुए गोरखालैंड आंदोलन को याद करते हुए कई बातें साझा कीं।
मुख्यमंत्री गोले ने कहा, इसे संयोग कहें या किस्मत का खेल। दार्जिलिंग में जब पिता और पुत्र पढ़ाई कर रहे थे, तभी हिंसक आंदोलन हुआ था। लेकिन उस चरम भयावह स्थिति में भी उन्हें दार्जिलिंग वासियों का भरपूर सहयोग और समर्थन मिला। पिता का वो दौर था जब सीआरपीएफ की छापेमारी के दौरान रात के अंधेरे में उन्हें अपनी पहनी हुई सफेद शर्ट उतारनी पड़ी थी। वहीं, बेटे के समय में भी स्थिति कम भयानक नहीं थी।
हालांकि, दार्जिलिंग के लोगों के समर्थन और सहायता के कारण उनकी पढ़ाई में कोई बाधा नहीं आई। उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की, अच्छी शिक्षा प्राप्त की और पिता जहां सिक्किम में मुख्यमंत्री पद तक पहुंचे, वहीं बेटा भी सिक्किम से विधायक बना। बताते चलें कि यह पिता-पुत्र कोई और नहीं, बल्कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिह तमांग (गोले) और उनके पुत्र एवं एसकेएम विधायक आदित्य गोले हैं। पिता प्रेम सिह तमांग (गोले) ने दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज में, तो उनके बेटे आदित्य गोले ने सेंट जोसेफ स्कूल में पढ़ाई की।
आज यहां सेंट जोसेफ स्कूल की ओर से आयोजित सम्मान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गोले ने 1985 में दार्जिलिंग में छात्र रहने के दौरान हुए गोरखालैंड आंदोलन को याद करते हुए कहा, उस वक्त दार्जिलिंग के लोगों ने मेरी काफी मदद की थी। उसे मैं कभी नहीं भूल सकता। उन्होंने बताया, बेटे आदित्य को भी देहरादून में पढ़ाई करना पसंद नहीं था, जिसके कारण 2007 में उन्हें पहाड़ की रानी दार्जिलिंग में इसी सेंट जोसेफ स्कूल में दाखिला करवाया था। लेकिन संयोग से उस समय दार्जिलिंग में भी एक आंदोलन चल रहा था।
उन्होंने कहा, हालांकि मुझे पूरा यकीन था कि जिस तरह मुझे 1985 में यहां के लोगों का प्यार और समर्थन मिला था, उसी तरह आदित्य को भी यहां के लोगों का प्यार और समर्थन मिलेगा। हुआ भी यही। सीएम गोले ने यह भी कहा कि उनके परिवार का इस स्कूल के साथ मजबूत रिश्ता है। उन्होंने यह भी याद किया कि लोरेटो कॉलेज, जो वर्तमान में साउथ फील्ड कॉलेज है, के छात्र दार्जिलिंग गवर्नमेंट कॉलेज, जिसमें वे उस समय पढ़ रहे थे, को गवर्नमेंट कॉलेज-नो नॉलेज कहकर चिढ़ाते थे।
इस बीच, मुख्यमंत्री गोले ने कहा कि उन्हें दार्जिलिंग की राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है, लेकिन उन्होंने यहां के सामाजिक मामलों में हमेशा मदद का वादा किया। उन्होंने यह भी कहा कि उनका बेटा आदित्य दार्जिलिंग के उसी सेंट जोसेफ स्कूल से प्राप्त शिक्षा के आधार पर सिक्किम में विधायक बनकर जरूरतमंदों की मदद करने में सक्षम है। गौरतलब है कि आज आयोजित इस सम्मान कार्यक्रम में मुख्यमंत्री गोले के सहयोग से बनाये गये स्कूल के फुटओवर ब्रिज पर एक लघु वृत्तचित्र भी दिखायी गयी। पिछले साल ही इस फुट ओवर ब्रिज का उद्घाटन आदित्य गोले ने किया था।
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