गंगटोक : पूर्वोत्तर में कृषि एवं बागवानी में मूल्य श्रृंखला और बाजार संबंधों को मजबूत करने हेतु राजधानी नई दिल्ली में आयोजित पूर्वोत्तर परिषद की 72वीं पूर्ण बैठक में उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया।
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग (गोले) को टास्क फोर्स का संयोजक बनाया गया है। वहीं, टास्क फोर्स के अन्य सदस्यों में केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा के मुख्यमंत्री शामिल हैं।
टास्क फोर्स की पहली बैठक सोमवार को गंगटोक के सम्मान भवन में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की गई थी। इसमें मुख्यमंत्री तमांग ने संयोजक के रूप में कार्यवाही की शुरुआत करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र में कृषि विकास की अपार संभावनाएं बतायी।
उन्होंने कहा कि संभावनाओं के बावजूद मूल्य श्रृंखला और बाजार संबंधों में कई चुनौतियों के कारण यह अभी भी अप्रयुक्त है। ऐसे में, उन्होंने अंतराल और बाधाओं को सूचीबद्ध करते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपर्याप्त बुनियादी ढांचे, प्रसंस्करण इकाइयों की कमी, खंडित भूमि एवं स्थानांतरित खेती, खराब बाजार संबंध, सीमित प्रौद्योगिकी ज्ञान, समन्वित कृषि नीतियों की कमी जैसे सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों की ओर इशारा किया।
इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने पूर्वोत्तर राज्यों के लिए एक अलग नीति की भी वकालत की और अगली बैठक में पूर्वोत्तर के सभी आठ राज्यों को शामिल करने का सुझाव दिया।
बैठक में अन्य सदस्य राज्यों-अरुणाचल प्रदेश, असम और त्रिपुरा ने अपने-अपने राज्यों में कृषि उत्पादन में महत्वपूर्ण चुनौतियों की पहचान की और उन्हें विचार के लिए उजागर किया। इस दौरान, केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टास्क फोर्स को सबसे महत्वपूर्ण मुख्य बिंदुओं की पहचान करने, अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करने और सभी पूर्वोत्तर राज्यों से इनपुट प्राप्त करने के बाद अवधारणा विकसित करने का सुझाव दिया।
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