दार्जिलिंग : बेलगाछी में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस समारोह में भाग लेने पहुंचे गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन ( जीटीए) के प्रमुख कार्यपाल अनित थापा ने सिलिगुड़ी के हाकिमपाड़ा में हुई हिंसा और गोरखाओं को बाहरी कहने की घटना पर सिलीगुड़ी विधायक शंकर घोष द्वारा दिए गए आंतरिक और बाहरी बयानों पर आखिरकार अपनी बात रखी।
पत्रकारों से इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि शंकर घोष ने भाजपा नेता के तौर पर हाकिमपाड़ा की घटना के बारे में बात की थी। उस घटना का राजनीतिकरण करना उचित नहीं है, लेकिन गोरखाओं को यह समझना चाहिए कि इस देश के लोगों ने पिछले बीस सालों से भाजपा को वोट दिया है। आज उसी भाजपा के नेता हमें बाहरी कह रहे हैं। जिस पार्टी का गोरखाओं ने समर्थन किया, आज उसी पार्टी के नेता ने गोरखाओं के साथ विश्वासघात किया है या नहीं?
उन्होंने कहा कि आज गोरखाओं को समझने का समय आ गया है। हाकिमपाड़ा की घटना एक जातिगत मुद्दे से जुड़ी है। इसलिए इसका राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए। यहां शंकर घोष का नहीं, बल्कि पीड़ित छात्रों का महत्व है। मैंने छात्रों से फ़ोन पर बात की, सिलीगुड़ी पुलिस कमिश्नर से बात की और पत्राचार भी किया। हमें बोलते समय सावधानी बरतनी चाहिए। मुझे ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जिनसे कानून-व्यवस्था बिगड़े। और हमें सही समय पर बोलना चाहिए। वर्तमान में आरोपी बहनों को ज़मानत पर रिहा कर दिया गया है।
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