दार्जिलिंग । गोरखाओं की बेहतरी तथा उनके 11 समुदायों को जनजाति का दर्जा प्रदान करने के वादे के साथ दार्जिलिंग संसदीय सीट हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी पर वादाखिलाफी के आरोपों के बीच दार्जिलिंग के भाजपा सांसद Raju Bista ने आज स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनकी पार्टी गोरखाओं को जनजाति का दर्जा प्रदान करने की दिशा में लगातार काम कर रही है।
आज यहां एक विशेष बातचीत में सांसद बिष्ट ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने चुनावी संकल्प पत्र में गोरखा समुदाय की 11 जात गोष्ठियों को जनजाति का दर्जा देने का वादा किया है। ऐसे में इस वादे को पूरा करने की दिशा में कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि संवैधानिक आवश्यकताएं पूरी करने के बाद गोरखाओं को जनजाति का दर्जा मिल जाएगा।
उन्होंने कहा, सरकार को अपना काम कैसे करना चाहिए, इस बारे में बहुत से लोग नहीं जानते होंगे। उनसे बहस करना बेकार है। 140 करोड़ आबादी वाला एक देश चलाना आसान नहीं है और सरकार के उच्च स्तरीय कार्यों को हम इतनी आसानी से समझ भी नहीं सकते। उन्होंने कहा, पार्टी के संकल्प पत्र में जिन विषयों का उल्लेख है, उसके बारे में मैं पार्टी के शीर्ष नेताओं और मंत्रियों से वार्ता करने के साथ उन्हें संसद में भी उठाता रहा हूं।
भाजपा सांसद ने आगे कहा कि केंद्र सरकार द्वारा 2020 में नया श्रम कानून लागू कर दिए जाने के बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार ने नए श्रम कानून को लागू करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही नया श्रम कानून लागू होने में देरी नहीं होगी। साथ ही उन्होंने बालासन और घूम के रास्ते दार्जिलिंग के लिए एक नई वैकल्पिक सड़क के निर्माण की भी बात कही। उनके अनुसार, इस काम का अध्ययन किया जा रहा है। इसी तरह उन्होंने दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे के ट्रैक का एनएच-55 के साथ विस्तार के मुद्दे पर संसद में चर्चा होने की जानकारी देते हुए कहा कि वह इस मुद्दे को रेल मंत्रालय के समक्ष उठा रहे हैं।
राजू बिष्ट ने कहा कि दार्जिलिंग के लिए एक वैकल्पिक सडक़ पर विचार चल रहा है। साथ ही पर्वतमाला परियोजना के तहत पहाड़ के विभिन्न इलाकों को रोपवे से जोड़ने के लिए संबंधित मंत्रालय से बातचीत चलने की भी जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि दार्जिलिंग में केन्द्रीय विश्वविद्यालय निर्माण के लिए शिक्षा मंत्रालय से आग्रह किया गया है।
#anugamini #sikkim
No Comments: