दार्जिलिंग : दार्जिलिंग का भूभाग सिक्किम का है। हमने केवल यह कहा है कि आप हमें बंगाल से अलग कर दें, हमने यह नहीं कहा है कि हम सिक्किम में रहेंगे। यह बातें गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस के महासचिव अमर लक्सम ने कहीं।
गोराकां के महासचिव लक्सम ने कहा कि कुछ दिन पहले गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली गया था और अपनी मांगों को लेकर दिल्ली में राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन सौंपा था। गोरखा राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा सौंपे गए पत्र का राष्ट्रपति कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने जवाब दिया है।
दार्जिलिंग प्रेस गिल्ड में पत्रकारों से बात करते हुए श्री लक्सम ने कहा कि हमने यह नहीं कहा कि हम सिक्किम जाएंगे। उन्होंने कहा कि यह भूभाग सिक्किम का है, हम अपनी जमीन पर रहते हैं, लेकिन हमें केवल सिक्किम राज्य से एक प्रमाण पत्र चाहिए, हमें वह प्रमाण पत्र दें और हमें किसी भी तरह से बंगाल से अलग करें। हम बस इतना ही चाहते हैं।
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह भूमि सिक्किम की है, सिक्किम ने अतीत में इस भूमि को खो दिया था, आपके पास हमें बंगाल से अलग करने का साधन भी है, आपको हमें बंगाल से अलग करना चाहिए। हम यह नहीं कह रहे कि अगर सिक्किम हमें बंगाल से अलग करता है तो हमें हम सिक्किम के साथ रहेंगे। आपको भारतीय संविधान के 371 एफ ने जो सुरक्षा दी है, उसकी हमें आवश्यकता नहीं है, हमें सिक्किम के अधिवास की भी आवश्यकता नहीं है, आपको इन सभी सुविधाओं का स्वयं आनंद लेना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि यद्यपि हमारी भाषा, संस्कृति और परंपराएं बंगाल के समान नहीं हैं, हम बंगाल के साथ सद्भाव में रह रहे हैं। हमारी भाषा और संस्कृति सिक्किम के समान है क्योंकि यह भूभाग एक समय में सिक्किम का था ।
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