दार्जिलिंग : दार्जिलिंग के जोरबंगलो-सुकेपोखरी अंतर्गत पोखरेबुंग में आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम के बाद जीटीए के मुख्य कार्यपाल अनित थापा ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान पहाड़ में वर्तमान में चल रहे विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हम पहाड़ को सिस्टम से चलने वाला पहाड़ बनाना चाहते हैं।
पंचायती राज और विकास के बारे में बात करते हुए श्री थापा ने कहा कि पंचायती राज हमसे दूर चला गया था। हमारे पहाड़ के लोग पंचायतीराज का आनंद नहीं ले सके। हम पंचायतीराज वापस लाये हैं। यहां पंचायतीराज स्थापित होने के बाद कई अच्छे कार्य हुए हैं। सिस्टम से बाहर रहकर हमने बहुत कुछ खोया। हम सिस्टम में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं। हम पहाड़ को सिस्टम से चलने वाला पहाड़ बनाना चाहते हैं। हमने पाया है कि हमारे प्रयासों ने सकारात्मक संकेत दिया है। जिन चीजों के निर्माण की जरूरत है, उनका निर्माण किया जाएगा। इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पहले यहां शहीद वेदी थी, लेकिन आज इसमें बच्चों का पार्क भी जुड़ गया है। इस तरह के बुनियादी ढांचे ग्रामीण पर्यटन को भी बढ़ावा देते हैं।
उन्होंने कहा कि आज के बच्चे हमारे पहाड़ों का भविष्य हैं। बच्चों को स्वतंत्र रूप से दौड़ने और खेलने में सक्षम होना चाहिए। यह बच्चे का अधिकार है। हमने पहाड़ों में अपने बच्चों के लिए ऐसे खुले वातावरण की कल्पना की है। उसी अवधारणा की उपज ‘चिल्ड्रन पार्क’ है, जिसका उद्घाटन जोरबंगलो-सुकेपोखरी पंचायत समिति, पोखरेबुंग -2 ग्राम पंचायत के तहत संगमा चाय बागान में किया गया। मैं इस पार्क को बच्चों को समर्पित करता हूं। जीटीए प्रमुख अनित थापा द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चिल्ड्रेन पार्क का निर्माण कार्य 27 अप्रैल 2024 को शुरू किया गया था और इसके निर्माण की कुल लागत रु. 20,71,637.53 रुपये लिये गये।
चाय बागानों, खासकर लॉन्गव्यू चाय बागानों में होने वाली घटनाओं के बारे में एक सवाल के जवाब में थापा ने कहा कि चाय बागानों की समस्या और मुद्दा एक संवेदनशील मुद्दा है। हमें इसे बातचीत के जरिए हल करना होगा। मालिक, सरकार को सभी से चर्चा करके समाधान निकालना चाहिए। जोश और उत्साह से किसी समस्या का समाधान नहीं होगा। समस्या के समाधान का सरल रास्ता बातचीत है। उन्होंने कहा कि निर्वाचित प्रतिनिधि (मणिराज दुमजन) को मांग कर पद से नहीं हटाया जा सकता। लॉन्गव्यू के मामले में यह देखा गया है कि एक पक्ष पत्ता तोड़ता है और दूसरा पक्ष पत्ता नहीं तोड़ता है। कमांड के साथ यही समस्या है।
उन्होंने कहा कि मैं जीटीए का मुख्य कार्यपाल हूं, मैं दोनों पक्षों का मुख्य कार्यपाल हूं। उनकी समस्याओं को संवेदनशीलता से लिया जाना चाहिए। केवल लॉन्गव्यू निवासी ही पूरी तरह से समझ सकते हैं कि कल लॉन्गव्यू में क्या हुआ था। एक पक्ष पत्ता तोड़ना चाहता है तो दूसरा उसे रोक देता है। अब कौन सही है या गलत, ये तो आप वीडियो देखकर नहीं जान सकते। किसके लिए बोलना है? कल की घटना वहां के लोगों के बीच निजी रिश्ते भी खराब कर रही है। यह सही नहीं है। मैं सबके साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहता हूं। श्री थापा ने कहा कि ट्रेड यूनियन ‘न्यूनतम वेतन कानून’ पर काम कर रही है। न्यूनतम वेतन के मुद्दे पर पहल की जा रही है। जीटीए के मुख्य कार्यकारी के रूप में मुझे चाय बागानों के मुद्दे पर बोलना चाहिए। मैं भी चाहता हूं कि श्रमिकों की दैनिक उपस्थिति बढ़े, वेतन बढ़े, लेकिन ट्रेड यूनियन वह समूह है जो न्यूनतम वेतन कानून के कार्यान्वयन की पहल करता है। वे इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं। हमें अपने अधिकार के लिए काम और संघर्ष करते रहना चाहिए।
थापा ने पत्रकारिता और पत्रकारों के बारे में अपनी राय देते हुए कहा कि जब पत्रकार समाचार एकत्र करते हैं तो उन्हें जनता को एक अच्छा संदेश देना चाहिए। पुरानी पत्रकारिता अब ख़त्म हो गई है। आज कल मैं गांव-गांव में पत्रकारिता और पत्रकारों को पैदा होते देखता हूं। यह अच्छा भी है। पहले हम इसे पत्रकारिता के बजाय सिर्फ अखबारों में ही देखते थे। पत्रकारिता अब डिजिटल हो गई है। आज कल कौन पत्रकार है या कौन नहीं, इसकी कोई प्रामाणिकता नहीं है, लेकिन एक सकारात्मक संकेत यह है कि गांव के भाई-बहन भी पत्रकारिता में रुचि दिखा रहे हैं। अब हम गांव में होने वाली छोटी-छोटी घटनाओं को एक जगह देख सकते हैं। हम जानते हैं कि कहां अच्छा चल रहा है और कहां गलत हो रहा है, लेकिन मैं यह भी देख रहा हूं कि कुछ पत्रकारिता सिर्फ गलतियां दिखा रही है। मुझे लगता है कि समय रहते ये सब ठीक हो जाएगा। उद्घाटन के दौरान श्रीमती सोना डोमा, भूपेन्द्र बमजन और वांगदी डुकपा भी उपस्थित थे।
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