कार्सियांग : गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के प्रमुख कार्यपाल अनित थापा ने बताया है कि आज कलकत्ता कोर्ट ने दार्जिलिंग के 313 शिक्षकों के बारे में जो फैसला सुनाया है, उसने कई लोगों के मन में सवाल खड़े कर दिए हैं। लेकिन मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि यह किसी शिक्षक की गलती नहीं है। यह पिछले 25 सालों से दार्जिलिंग पहाड़ में स्पष्ट शिक्षक भर्ती नियमों की कमी का नतीजा है।
Anit Thapa ने बताया है कि पहाड़ में वॉलंटियर शिक्षकों की नियुक्ति उस समय के सिस्टम और हालात की देन थी। वर्ष-2003 से, सभी शिक्षक भर्ती प्रक्रिया बिना रिक्रूटमेंट रूल्स या एसएससी के किए गए हैं। लेकिन उन शिक्षकों के समर्पण और योगदान की वजह से, हमारे पहाड़ के हजारों विद्यार्थी आज सरकारी अधिकारी, शिक्षक और बेहतरीन पेशेवर (प्रोफेशनल) बन पाए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं आपके त्याग, शिक्षा और जुनून का दिल से सम्मान करता हूं। मैं पूरे शिक्षित वर्ग से अपील करना चाहूंगा, हताश न हों, यह समय हमारी एकता की परीक्षा है। यह एक कानूनी लड़ाई है और मैं आपके साथ मजबूती से खड़ा हूं।
मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम यह लड़ाई कानूनी तौर पर जीतेंगे, भले ही इसके लिए हमें हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच से सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़े। मैं आपके न्याय और सम्मान के लिए किसी भी हद तक जाऊंगा। सच का साथ हमेशा मजबूत होता है और हम सच के साथ हैं।
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