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बाढ़ प्रभावित लोगों के प्रति केंद्र व राज्‍य सरकार का रवैया भेदभावपूर्ण : अजय एडवर्ड्स

दार्जिलिंग, 28 अक्टूबर । हाम्रो पार्टी अध्यक्ष तथा जीटीए सदस्य Ajoy Edwards ने आज एक बार फिर केंद्र एवं पश्चिम बंगाल सरकारों पर तीस्ता नदी आपदा में प्रभावित हुए लोगों के प्रति भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए दानों सरकारों से बाढ़ पीड़ितों के लिए पर्याप्त राहत राशि जारी करने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने जीटीए से अविलंब सर्वदलीय बैठक बुलाकर राज्य एवं केंद्र पर दबाव बनाने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधि मंडल को कोलकाता एवं दिल्ली भेजने की बात कही है।

एडवर्ड्स आज बाढ़ पीड़ितों के राहत एवं पुनर्वास कार्यों के सिलसिले में रंगपो पहुंचे थे। इस दौरान उनके साथ पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष व निर्वाचित सदस्य रोवर्ड छेत्री के अलावा अन्य केंद्रीय नेता एवं सदस्य भी मौजूद थे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जाकर इस प्रतिनिधि दल ने पीड़ितों से मुलाकात कर उनके प्रति सहानुभूति जताई। इस दौरान एडवर्ड्स ने कहा कि आपदा के बाद पीड़ितों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में उन्हें तत्काल राज्य एवं केंद्र सरकारों से पर्याप्त मदद की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, बाढ़ ने जहां सैकड़ों घरों को ध्वस्त कर दिया है, वैसे में केवल चार-पांच नये मकान बनाने से कुछ नहीं होगा। ऐसे में इस स्थिति पर बातचीत में लिए अब हमें केंद्र और राज्य सरकारों से बात करने के लिए दिल्ली और कोलकाता जाना होगा। हाम्रो पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल के अंतर्गत तीस्ता, रम्फू, गेल खोला, रियांग आदि क्षेत्रों के बाढ़ पीड़ितों के लिए राज्य सरकार ने आज तक आपदा राहत राशि जारी नहीं की है।

उन्होंने यह भी कहा कि इस नदी के पार सिक्किम राज्य है, जहां भी बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है। लेकिन सिक्किम सरकार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए काफी फंड जारी किया है। वहीं, नदी के इस पार बंगाल राज्य के बाढ़ प्रभावितों के लिए बंगाल की सरकार ने अभी तक एक पैसा भी नहीं जारी किया है। ऐसे में पीड़ितों को काफी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार का ऐसा भेदभावपूर्ण रवैया सही नहीं है।

ऐसे में एडवर्ड्स ने स्थानीय सांसदों, विधायकों एवं सभी प्रमुख नेताओं से आग्रह करते हुए कहा कि हमें इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाना चाहिए। उन्होंने कहा, कुछ दिन पहले पश्चिम बंगाल सरकार ने 25 करोड़ रुपये दिये थे, जिसे हमने बाढ़ राहत कोष माना था। लेकिन यह राज्य सरकार द्वारा जीटीए को जारी किया गया फंड था। हम यह नहीं कहते कि राज्य और केंद्र सरकार जीटीए को कितना फंड देती है, हम तो बस यह चाहते हैं कि दोनों सरकारों को बाढ़ पीड़ितों के लिए फंड जारी करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि 2024 के आम चुनाव में अब अधिक दिन नहीं है और इसमें वोट मांगने सभी को प्रभावित क्षेत्रों में भी जाना है। ऐसे में उन्हें ऐसा करना चाहिए कि वे यहां वोट मांगने आ सकें। उन्होंने आगे कहा कि जीटीए को तुरंत एक सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए और सभी की सहमति से प्रतिनिधि दल को राज्य और केंद्र सरकार के पास दिल्ली और कोलकाता में जाकर इस मुद्दे पर मिलना चाहिए।

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